साल 2003 में लॉन्च किए गए Skype को अब दिग्गज टेक कंपनी Microsoft परमानेंटली बंद करने जा रही है। इसके साथ ही अब Skype के 22 साल के सफर का भी अंत होने जा रहा है। इस खबर से Skype यूज करने वाले यूजर्स को बड़ा झटका लग सकता है। आइए जानते हैं कि Skype को लेकर Microsoft यह कदम क्यों उठाने जा रहा है।

Skype की सेवाओं को धीरे-धीरे बंद कर रही थी Microsoft

पिछले काफी समय से Skype के बंद होने को लेकर अनुमान लगाया जा रहा था क्योंकि Microsoft धीरे-धीरे इसकी सेवाओं को बंद करती जा रही थी। कंपनी ने Skype से विंडोज लाइव मैसेंजर को हटा दिया था और फिर 2015 में Microsoft ने स्काइप को Windows10 में इंटीग्रेट करने की कोशिश भी की थी। हालांकि, यह नौ महीने में ही बंद हो गया था। बता दें कि 2003 में लॉन्च हुए Skype को Microsoft ने साल 2011 में खरीदा था।

8.5 अरब डॉलर में Skype की हुई थी डील

साल 2003 में लॉन्च होने के बाद इंटरनेट प्रोटोकॉल प्लेटफॉर्म के रूप में तेजी से उभरे Skype को Microsoft ने 2011 में 8.5 अरब डॉलर में खरीदा था। इसके बाद से Microsoft ने Skype को कई बार डिजाइन किया और यह इसके जरिए Apple के iMessage को टक्कर देना चाह रही थी लेकिन सफल नहीं हो सकी।

अब Microsoft का प्लान Skype को परमानेंटली बंद करने का है। पिछले कुछ सालों में Skype को पॉपुलर बनाने के लिए इसमें कई नए फीचर्स जैसे- स्काइप क्लिप्स और कोपिलॉट एआई को भी शामिल किया था लेकिन कंपनी कोरोना महामारी के दौरान भी पॉपुलर नहीं हो सकी।

क्या है Microsoft का प्लान

अनुमान जताया जा रहा है कि Microsoft अब Skype Users को Teams पर शिफ्ट होने के लिए कह सकती है। Microsoft ने साल 2017 में Teams को पेश किया था, जो कि विशेष तौर पर कंपनी के अंदर संवाद के लिए Slack जैसे प्लेटफॉर्म को टक्कर देने के लिए बनाई गई थी।

एक इवेंट के प्रिव्यू में यह लिखा भी गया था कि अपनी Calls और Chats को टीम्स में जारी रखें। इसके अलावा यह भी बताया गया कि कुछ दोस्त पहले ही Teams में शिफ्ट हो चुके हैं। यह संदेश Skype संपर्कों के आधार पर ही शो होगा।

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