Satellite Internet की शुरूआत को लेकर देश के लोग काफी उत्सुक हैं और कहा जा रहा है कि जल्द ही इसकी शुरूआत हो सकती है। अमेरिकी कारोबारी Elon Musk के स्वामित्व वाली Satellite Internet Starlink को भी सरकार से लगभग फाइनल मंजूरी मिलने ही वाली है लेकिन इस बीच देश की दिग्गज टेलीकॉम कंपनियों Reliance Jio और Airtel ने विरोध शुरू कर दिया है। आइए आपको बताते हैं कि क्या है पूरा मामला।

इस बात को लेकर विरोध

देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो और एयरटेल ने साफ कहा है कि अगर सैटेलाइट स्पेक्ट्रम का Price सरकार द्वारा काफी कम रखा जाता है तो इससे उनके व्यापार को काफी नुकसान होगा। वहीं इससे Satellite Internet Starlink जैसी विदेशी कंपनियों को अधिक फायदा पहुंचेगा। ऐसे में इन कंपनियों ने सरकार से अपील की है कि सैटेलाइट स्पेक्ट्रम के रेट को कम न रखा जाए।

Satellite Internet Starlink ने दी थी ये दलील

टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी TRAI ने पिछले महीने में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स को एक प्रपोजल दिया था। इस प्रपोजल में कहा गया था कि Satellite Internet प्रोवाइड करने वाली कंपनियों को अपने वार्षिक रेवेन्यू का चार प्रतिशत केंद्र सरकार को भुगतान करना होगा। दरअसल, स्टारलिंक ने सैटेलाइट स्पेक्ट्रम का ऑक्शन नहीं करने को लेकर लॉबीइंग की थी। Satellite Internet Starlink ने कहा था कि उसे इंटरनेशनल ट्रेंड के अनुसार ही लाइसेंस दिया जाए।

प्रपोजल के समीक्षा की उठी मांग

रिपोर्ट्स की मानें तो सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने पिछले महीने ही Telecom Ministry को एक पत्र लिखा था। इसमें कहा गया था कि टेलीकॉम मिनिस्ट्री सैटेलाइट स्पेक्ट्रम की प्राइसिंग से जुड़े प्रपोजल की एक बार समीक्षा जरूर करे।

इसमें कहा गया था कि ट्राई द्वारा सैटेलाइट इंटरनेट प्रोवाइड कराने वाली कंपनियों के लिए जो प्राइस तय की गई है, वह काफी कम है। इसकी तुलना में स्पेक्ट्रम के लिए देश की टेलीकॉम कंपनियां सरकार को करीब 21% अधिक भुगतान करती हैं। कंपनियों की मांग की है कि स्पेक्ट्रम का प्रति MHz प्राइस दोनों प्रकार की सर्विसेज के लिए समान या फिर तुलनात्मक होना ही चाहिए।

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