भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में एक नया नोट जारी किया है, जिसमें महात्मा गांधी की तस्वीर को हटा कर एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्मारक की छवि लगाई गई है। यह बदलाव भारतीय मुद्रा के इतिहास में एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि पिछले कई दशकों से गांधी जी की तस्वीर भारतीय नोटों का एक अनिवार्य हिस्सा रही है। लेकिन RBI व्दारा जारी नए 200 के नोट पर उनकी जगह सांची स्तूप ने ले ली है। आईये जानते है इसके बारे में विस्तार से।
RBI के नोट की डिज़ाइन और सुरक्षा विशेषताएं
नए ₹200 के नोट का डिज़ाइन पुराने नोटों से काफी भिन्न है। इसमें कई नई सुरक्षा विशेषताएं शामिल की गई हैं, जैसे:
- रंग में बदलाव: नोट को झुकाने पर इसका रंग हरा से नीला हो जाता है।
- उभरा हुआ मुद्रण: दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए पहचान चिह्न और कुछ अक्षर उभरे हुए हैं।
- छिपी हुई छवि: एक विशेष कोण से देखने पर ₹200 अंक दिखाई देता है।
- सूक्ष्म टेक्स्ट: बहुत छोटे अक्षरों में “भारत” और “RBI” लिखा गया है।
इस नए नोट में महात्मा गांधी की जगह सांची का स्तूप है, जो मध्य प्रदेश में स्थित बौद्ध धर्म से संबंधित एक महत्वपूर्ण स्मारक है।
पहचान के लिए देगें मार्ग दर्शन
इस नए नोट के प्रभावों के बारे में भी सोचने की आवश्यकता है। बैंकिंग क्षेत्र में एटीएम और कैश काउंटिंग मशीनों को अपडेट करने की आवश्यकता होगी। व्यापारियों को नए नोट की पहचान और सत्यापन के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा, और आम जनता को नए नोट से परिचित होने में कुछ समय लग सकता है।
गांधी जी की तस्वीर का ऐतिहासिक संदर्भ
महात्मा गांधी की तस्वीर भारतीय नोटों पर एक लंबे समय से विद्यमान है। इसका ऐतिहासिक संदर्भ इस प्रकार है:
- 1969: गांधी जी की 100वीं जयंती पर पहली बार उनकी तस्वीर विशेष श्रृंखला के नोटों पर छपी।
- 1987: ₹500 के नोट पर गांधी जी की तस्वीर स्थायी रूप से शामिल की गई।
- 1996: “महात्मा गांधी श्रृंखला” की शुरुआत की गई, जिसमें सभी मूल्यवर्ग के नोटों पर उनकी तस्वीर थी।
गौरतलब है कि स्वतंत्रता के बाद भारतीय करेंसी पर गांधी जी की तस्वीर को पहली प्राथमिकता नहीं दी गई थी। भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार, 14 अगस्त 1947 को भारत ने अंग्रेजों से स्वतंत्रता प्राप्त की, और 26 जनवरी 1950 को भारत गणतंत्र बना। इस दौरान, रिजर्व बैंक ने आजादी से पहले के नोटों का चलन जारी रखा। 1949 में, नए डिजाइन का 1 रुपये का नोट जारी किया गया, जिसमें स्वतंत्र भारत के प्रतीकों का चयन किया गया था।
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