आज की डीजिटल दुनिया में हर कोई UPI का उपयोग करता है जिससे वह कही भी कुछ भी काफी असानी से ले सकता है. इसका उपयोग भारत में ही नही बल्कि अन्य कई और देशों में भी होता है. जानकारी के लिए बता दें कि UPI की शुरुआत साल 2016 में हुई थी जिसे NPCI यानी की नेशनल पेमेंट्स कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया ने कि थी.

आप सब को यह बता तो पता ही होगी की भारत सरकार डीजिटल इंडिया का लक्ष्य चला रही है. जिसके चलते अब UPI में लगभग 200 से 300 मिलियन नए यूजर्स को जोड़े जाने की तैयारी शुरु कर दी गई है. यह इस लिए कि आने वाले समय में कैश ट्रांजैक्शन को ज्यादा से ज्यादा कम किया जा सके.

अब UPI हो जाएगा और भी ज्यादा आसान :

NPCI ने हाल ही में इस बात की जानकारी दी है कि वह जल्द से जल्द UPI के यूजर्स में बढ़ा देगी. ताकि सभी लोग किसी भी प्रकार का भुगान या लेन देन करना हो तो वह UPI से करें. भारत में अभी भी कई सारे ऐसे लोग है जो UPI का नही बल्कि कैश से लेन देन करते है फिर चाहे बच्चे हो, घरेलू कर्मचारी या फिर गांव में रहने वाले नागरिक यह नगद लेने पर ही भरोसा रखते है. NPCI ऐसे ही लोगों के लिए जल्द से जल्द नए अकाउंट्स की सुविधा को शुरु करने वाली हैं.


लोगों के लिए UPI से लेन देने करना होगा और भी असाना :

हाल ही में NPCI के प्रबंध निदेशक दिलीप असबे ने इस बात की जानकारी दी है कि बीते लगभग 5 सालों में घरेलू भुगतान प्लेफॉर्म में लगभग 450 मिलियन से भी ज्यादा खुदरा उपभोक्ताओं के लिए लेन-देन में बड़ा बदलाव किया जा चुका है.

इसी के साथ ही उन्होने यह भी कहा कि अब छोटी से छोटी चीज को लेने के लिए आप UPI का इस्तेमाल कर सकते है. वो भी बिना किसा ट्रांजैक्शन चार्ज के अब केवल आपकेो स्कैन करके भुगतान करना होगा.

बीते सालों में आया UPI में 90% तक का उछाल :

दिलीप असबे ने इस बात की भी जानकारी दी है कि बीते कुछ सालों में UPI में 90% तक का उछाल देखने को मिला है. इसी से साथ ही उन्होनें कहा की आज के समय में पूरी दुनिया में लगभग 46% लोग UPI से लेन-देन करते है. अभी के समय में UPI का प्रचार भारत सरकार और NPCI के साथ-साथ भारत से सभी केंद्रीय बैंक कर रहे है.

जिसके कारण इसमें काफी ज्यादा लोकप्रियता देखने को मिली है. लेकिन अब UPI को घरेलू से लेकर बड़े स्तर तक इस्तेमाल किए जाने की बात कही जा रही है. दिलीप असबे ने इस बात की भी जानकारी दी है की खुदरा ग्राहकों के लिए ऋण की पेशकश के बारे में भी काफी ज्यादा विचार किया जा रहा है.

आपको इस बात की जानकारी तो होगी ही की पहले UPI में लगभग 30 आधार अंको का MDR होता था लेकिन साल 2020 में इसका शुल्क माफ कर दिया गया है. लेकिन उद्योग निकायों का कहना है कि इस शुल्क को फिर से लागू कर दिया जाए.

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