नई दिल्लीः India और America इस सप्ताह Interim Trade Agreement को अंतिम रूप देने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, यह Agreement US President Donald Trump द्वारा प्रस्तावित Indian exports पर Tariff बढ़ोतरी से बचने में मदद कर सकता है। भारत से विशेष सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में एक वार्ता दल इस द्विपक्षीय व्यापार समझौते को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने के लिए वाशिंगटन में उच्च स्तरीय वार्ता में लगा हुआ है।
रिपोर्ट के अनुसार, विदेश मंत्री एस. जयशंकर मंगलवार या बुधवार को वाशिंगटन में एक बैठक के दौरान अपने अमेरिकी समकक्ष मार्को रुबियो के साथ द्विपक्षीय वार्ता कर सकते हैं।
Trade Agreement की दिशा में बड़ा कदम
इस अंतरिम समझौते को Comprehensive Free Trade Agreements (FTAs) की दिशा में पहला कदम माना जा रहा है। दोनों देशों के वार्ताकार 9 जुलाई की समय सीमा से पहले इसे अंतिम रूप देना चाहते हैं। यह वही समय सीमा है जिसे राष्ट्रपति ट्रंप ने भारतीय उत्पादों पर नए Tariff लगाने से पहले 90 दिन की समय सीमा के रूप में निर्धारित किया था।
जल्द ही संभव है कारोबार
हालांकि, व्यापक व्यापार समझौते पर बातचीत सितंबर-अक्टूबर तक जारी रहने की संभावना है। अमेरिका भारत में अपने कृषि और डेयरी उत्पादों के लिए अधिक बाजार पहुंच चाहता है, जबकि भारत के लिए यह मुद्दा संवेदनशील क्षेत्र बना हुआ है क्योंकि यह छोटे किसानों की आजीविका से जुड़ा हुआ है।
भारत ने Trade Agreement को संतुलित करने के लिए पहले ही अमेरिका से तेल और गैस की खरीद बढ़ा दी है। साथ ही, भारत ने अमेरिकी Tariff में छूट के बदले में अपने आयात शुल्क को औसतन 13 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा है। यह प्रस्ताव हाल ही में यूके के साथ हुए एफटीए जैसा ही है।
Trade Agreement के साथ India और America ने मिलकर रखा बड़ा लक्ष्य
Bharat Steel, Aluminium, Auto Parts और Pharmaceuticals जैसे औद्योगिक उत्पादों के लिए अमेरिकी बाजार में बेहतर पहुंच चाहता है। हाल ही में, अमेरिका ने इन उत्पादों पर सुरक्षा शुल्क बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया था, जिसका भारतीय निर्यात पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। भारत ने इस मुद्दे को डब्ल्यूटीओ में उठाया है, लेकिन द्विपक्षीय समझौते के जरिए इसे सुलझाने के प्रयास भी जारी हैं।
वर्ष 2024 में भारत और अमेरिका के बीच व्यापार 129 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जिसमें भारत का व्यापार अधिशेष 45.7 अरब डॉलर रहा। इस साल फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने 'मिशन 500' की शुरुआत की थी, जिसका लक्ष्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक बढ़ाना है।
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