देश के सबसे अमीर व्यवसायी मुकेश अंबानी ने अमेरिका में एक बड़ा सौदा किया है। उनकी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) की सहायक इकाई, रिलायंस फाइनेंस एंड इन्वेस्टमेंट्स यूएसए एलएलसी (RFIUL), ने वेवटेक हीलियम इंक (WHI) में 1.2 करोड़ डॉलर का निवेश किया है। इस निवेश के बदले रिलायंस को WHI में 21% हिस्सेदारी प्राप्त हुई है। यह समझौता 27 नवंबर 2024 को शेयर खरीद अनुबंध के जरिए संपन्न हुआ।
कम कार्बन समाधानों में रिलायंस का विस्तार
रिलायंस का यह कदम कंपनी की कम कार्बन वाले ऊर्जा समाधानों में निवेश करने की रणनीति का हिस्सा है। WHI, जो कि 2021 में स्थापित एक अमेरिकी कंपनी है, हीलियम की खोज और उत्पादन में माहिर है। कंपनी ने 2024 में व्यावसायिक संचालन शुरू किया। रिलायंस का यह निवेश हीलियम की बढ़ती मांग और इसके औद्योगिक उपयोग को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
हीलियम एक बेहद उपयोगी तत्व है, जिसका उपयोग चिकित्सा, वैज्ञानिक अनुसंधान, एयरोस्पेस, इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर निर्माण जैसे क्षेत्रों में होता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डेटा सेंटर्स के विकास के कारण आने वाले समय में इसकी मांग और बढ़ने की संभावना है। कंप्यूटर चिप बनाने में भी हीलियम का इस्तेमाल किया जाता है।
अमेरिका में नियामक मंजूरी की जरूरत नहीं
रिलायंस ने इस निवेश के संबंध में स्पष्ट किया कि यह किसी संबंधित पक्ष से जुड़ा हुआ नहीं है और इसके लिए किसी नियामक अनुमोदन की आवश्यकता नहीं थी। इस निवेश की जानकारी 28 नवंबर 2024 को सुबह 12:16 बजे स्टॉक एक्सचेंजों (BSE, NSE, लक्जमबर्ग और सिंगापुर) को दी गई।
रिलायंस का यह निवेश न केवल रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसे भविष्य के लिए एक लाभदायक कदम भी माना जा रहा है। हीलियम, जो एआई और डेटा सेंटर जैसे आधुनिक उद्योगों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, भविष्य में रिलायंस की कम कार्बन समाधान योजनाओं को और मजबूती देगा। समय पर उठाया गया यह कदम रिलायंस को इस क्षेत्र में बढ़त दिलाने में सहायक हो सकता है।
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