Gold Price Calculation: जब भी हम कोई गहना खरीदने जाते हैं तो हमें ताजी कीमतों पर वह मिलता है जिसमें मेकिंग चार्ज और जीएसटी शुल्क शामिल होता है लेकिन जब हम उस गहने को बेचने जाते हैं तो हमें काफी कम राशि मिलती है और कई बार तो आधी से भी कम कीमत मिलती है.
इसके बाद लोग यह समझ नहीं पाते हैं कि आखिर उन्होंने जिस कीमत में इसे खरीदा था, उतनी कीमत में यह क्यों नहीं बिका तो यहां पर सारा खेल मेकिंग चार्ज (Gold Price Calculation) का होता है जिस कारण जौहरी आपके साथ सारा खेल खेलता है.
Gold Price Calculation: ये है पूरा कैलकुलेशन
जब भी हम गहने को वापस बेचने जाते हैं तो हमें इसकी बहुत कम कीमत मिलती है. कई बार हमारे मन में यह आता भी है कि आखिर सोनार किस तरह का कैलकुलेशन करता है तो आपको बता दे की कीमतों में फर्क मेकिंग चार्ज (Gold Price Calculation) की वजह से आता है और मेकिंग चार्ज के नाम पर ही सोनार आपसे मोटी रकम लेता है.
इसलिए अगली बार जब भी आप खरीदने और बेचने जाए तो इसकी कीमतों के साथ-साथ मेकिंग चार्ज पर भी जरूर ध्यान दें. मेकिंग चार्ज को कैलकुलेट करने का कोई खास फार्मूला तो नहीं है लेकिन आमतौर पर ज्वेलरी पर 5 से 24 फीसदी तक का मेकिंग चार्ज लगाया जाता है.
दो तरीके से मेकिंग चार्ज लगाया जाता है. एक तो प्रति ग्राम सोने की कीमत को सोने के भार से मल्टीप्ल किया जाता है. दूसरा सोने की टोटल कीमत का एक फीसदी मेकिंग चार्ज लगाया जाता है.
जोड़े जाते हैं यह शुल्क
कोई भी गहना हम खरीदते हैं तो उस पर मेकिंग चार्ज (Gold Price Calculation) लगता है. साथ ही साथ अगर उसमे अलग से कोई कारीगरी की गई हो तो उसके भी पैसे लगते हैं. जितना ज्यादा बारीकी से बना हुआ ज्वेलरी होगा उतना ही ज्यादा उस पर मेकिंग चार्ज लगेगा.
आप इसे इस तरह से समझ सकते हैं कि अगर आपने 9 ग्राम की कोई अंगूठी बनाई है और इस वक्त 22 कैरेट सोने की कीमत 66700 प्रति 10 ग्राम है तो सोनार आपसे 11 फीसदी मेकिंग चार्ज ले रहा है. इसके अलावा तीन फीसदी जीएसटी लगाया जाता है, जिसके बाद अंगूठी की जो फाइनल कीमत है वह 66700 से ज्यादा होगी जिसकी पूरी कीमत 68676 हो सकती है और जब आप इसे बेचने जाएंगे तो आपको इससे कम कीमत मिलेगी.
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