23 May, 2025

BY: Komal

पानी हमारे शरीर के लिए अमृत के समान है। यह हमें ऊर्जा देता है, शरीर को स्वस्थ रखता है और बीमारियों से बचाता है। सही बर्तन में शुद्ध पानी पीना जरूरी है, क्योंकि यह हमारे स्वास्थ्य और जीवन का आधार है। आयुर्वेद और धार्मिक ग्रंथों के अनुसार चांदी, तांबा, कांसा और पीतल जैसी धातुओं से बने बर्तनों में रखा पानी पीना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।

वहीं प्लास्टिक, स्टील या लोहे से बने बर्तनों में पानी पीने से बचना चाहिए क्योंकि ये शरीर पर बुरा असर डाल सकते हैं। इसके साथ ही कहा जाता है कि पानी को गिलास की जगह लोटे में पीना चाहिए। पुराने समय में लोग लोटे से पानी पीते थे, क्योंकि वे इससे पानी पीना ज्यादा फायदेमंद मानते थे।

कहा जाता है कि गिलास पुर्तगाल से प्रचलन में आया। पुर्तगालियों के कारण यह भारत में प्रचलन में आया। लोटे से पानी पीना इसलिए बेहतर माना जाता है क्योंकि इसका आकार सीधा और एक समान नहीं बल्कि गोल होता है, जो आयुर्वेद के अनुसार ज्यादा फायदेमंद होता है। इसकी तुलना में गिलास सीधा और एक लाइन में होता है, जिसे पानी पीने के लिए उचित नहीं माना जाता है। इसलिए गिलास से पानी पीने की आदत छोड़ने की सलाह दी जाती है।

पानी का अपना कोई गुण नहीं होता। यह जिस बर्तन में रखा जाता है, उसके गुण ग्रहण कर लेता है। उदाहरण के लिए, अगर पानी को दूध में मिला दिया जाए, तो वह दूध जैसा हो जाता है और अगर उसे दही में मिला दिया जाए, तो वह दही जैसा हो जाता है। इसलिए, जिस बर्तन में पानी रखा जाता है, उसका बहुत महत्व होता है। जिस बर्तन में पानी रखा जाता है, उसका आकार भी पानी को प्रभावित करता है।

उदाहरण के लिए, अगर लोटा गोल है, तो उसमें रखा पानी भी गोल आकार के प्रभाव को ग्रहण कर लेता है। यह संतुलित ऊर्जा को अवशोषित करता है। वहीं, गिलास का आकार सीधा और बेलन जैसा होता है, जो स्वाभाविक रूप से लोटे जितना अनुकूल नहीं माना जाता।

प्राचीन काल से ही कुएं होते थे, जो गोल आकार में बनाए जाते थे। बिल्कुल लोटे की तरह। ऐसा इसलिए किया जाता था, क्योंकि गोल आकार का पानी पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। गोल चीजों का बाहरी हिस्सा यानी सतह का क्षेत्रफल कम होता है और जब सतह कम होती है, तो उस पर तनाव, जिसे वैज्ञानिक भाषा में सरफेस टेंशन कहते हैं, भी कम होता है। जब पानी का पृष्ठ तनाव कम होता है तो यह शरीर के लिए और भी अधिक फायदेमंद हो जाता है।

Thanks For Reading!

Next:

Read Next