भारत सरकार ने PM MUDRA Yojana (पीएमएमवाई) के अंतर्गत ऋण सीमा को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया है, जिससे लघु और मध्यम उद्यमियों को अपनी व्यापारिक जरूरतों के लिए अधिक वित्तीय सहायता प्राप्त होगी।

इस कदम (PM MUDRA Yojana) की घोषणा इस साल के केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री ने की थी, और यह अब आधिकारिक रूप से लागू हो चुकी है।

उधारकर्ताओं के लिए नया विकल्प

नई अधिसूचना के अनुसार, सरकार ने एक नई श्रेणी "तरुण प्लस" की शुरुआत की है। यह श्रेणी 10 लाख रुपये से अधिक और 20 लाख रुपये तक के ऋणों के लिए है, जो उन उधारकर्ताओं को उपलब्ध होगी जिन्होंने पहले से ही तरुण श्रेणी के तहत ऋण प्राप्त किया और उसका सफलतापूर्वक भुगतान किया है।

इसके अलावा, इन ऋणों की गारंटी कवरेज क्रेडिट गारंटी फंड (सीजीएफएमयू) के तहत दी जाएगी, जिससे उधारकर्ताओं को अधिक वित्तीय सुरक्षा मिल सके।

इस पहल का उद्देश्य उभरते हुए उद्यमियों और छोटे व्यवसायों को अपने व्यवसाय के विस्तार के लिए आवश्यक वित्तीय समर्थन प्रदान करना है।

सरकार का मानना है कि यह वृद्धि छोटे उद्यमियों को उनके कारोबार में वृद्धि और विकास के लिए प्रोत्साहित करेगी और एक सशक्त उद्यमी इको-सिस्टम को विकसित करने में सहायक सिद्ध होगी।

क्या है PM MUDRA Yojana?

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PM MUDRA Yojana) की शुरुआत 8 अप्रैल 2015 को सरकार ने की थी, जिसका उद्देश्य लोगों को स्वरोजगार और छोटे व्यवसाय स्थापित करने के लिए आसान शर्तों पर ऋण उपलब्ध कराना था।

इस योजना के अंतर्गत तीन श्रेणियाँ – शिशु, किशोर, और तरुण – बनाई गई थीं, जिनमें क्रमशः छोटे से बड़े ऋण की व्यवस्था थी।

अब तक इस योजना के तहत अधिकतम 10 लाख रुपये का लोन मिलता था, जिसे अब बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया गया है।

हालांकि, नीति आयोग द्वारा एक रिपोर्ट में यह चिंता जताई गई है कि इस योजना के अंतर्गत कई उधारकर्ता ऋण की पुनर्भुगतान में लापरवाही कर रहे हैं, जो इस योजना के उद्देश्य पर विपरीत प्रभाव डालता है।

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