भारत की त्वरित डिलीवरी सेवा कंपनी Zepto ने भारतीय स्वामित्व वाली इकाई बनने और मुनाफे के सकारात्मक स्तर तक पहुंचने की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। हाल ही में कंपनी ने प्रमुख घरेलू निवेशकों से 35 करोड़ डॉलर की धनराशि जुटाई है। इस वित्तीय सफलता के साथ, कंपनी ने अपने भविष्य के लिए बड़े लक्ष्य तय किए हैं।
Zepto का 2025 में आईपीओ का लक्ष्य
कंपनी के सह-संस्थापक और सीईओ आदित पालिचा ने बताया कि Zepto 2025 तक आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) लाने की योजना बना रही है। उनका मानना है कि कंपनी का त्वरित वाणिज्य मॉडल भारतीय बाजार में क्रांति ला रहा है। उन्होंने पारंपरिक किराना दुकानों के विकास में बाधा डालने के आरोपों को सिरे से खारिज किया। पालिचा ने स्पष्ट किया कि Zepto ने अब तक लाखों नौकरियां पैदा की हैं, उपभोक्ताओं और कर्मचारियों के लिए मूल्य सृजित किया है और भारतीय तकनीकी क्षमताओं को विश्व स्तर पर प्रदर्शित किया है।
10 मिनट में डिलीवरी जैसी सेवा पेश करने वाली Zepto का त्वरित वाणिज्य मॉडल अपने आप में बेजोड़ है। यह न केवल ग्राहकों की सुविधाओं में सुधार करता है, बल्कि आर्थिक अवसर भी प्रदान करता है। पालिचा के अनुसार, उद्योग ने तीन वर्षों में 4.5 लाख नौकरियां सृजित की हैं और 20,000 रुपये से अधिक का औसत वेतन दिया है। यह असंगठित क्षेत्र के मुकाबले अधिक है।
आलोचनाओं का जवाब आंकड़ों से
कंपनी पर लगाए गए "बाजार खराब करने वाली कीमतों" के आरोपों का खंडन करते हुए पालिचा ने बताया कि 99.8% उत्पाद लागत से अधिक कीमत पर बेचे जाते हैं। उन्होंने कहा कि उद्योग के खिलाफ बने मिथकों को आंकड़े खारिज करते हैं। इसके अलावा, खाद्य गुणवत्ता सुरक्षा के मुद्दों पर उन्होंने कहा कि कंपनी इस दिशा में जिम्मेदारी से काम कर रही है और एफएसएसएआई के साथ सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है।
सिंगापुर से भारत में निवास स्थान बदलने की प्रक्रिया को लेकर पालिचा ने कहा कि यह लगभग पूरी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि Zepto का भारतीय स्वामित्व न केवल कंपनी के लिए बल्कि देश की तकनीकी और आर्थिक प्रगति के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगा।
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