अगर आप भी YouTube पर कंटेंट क्रिएट करते हैं और इसके जरिए अपना करियर सेट करने में लगे हुए हैं तो यह खबर आपके काफी काम की है। पॉपुलर वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म यूट्यूब जल्द ही अपनी YouTube Monetization Policy को बदलने वाला है। इसमें अब सिर्फ ओरिजिनल कंटेंट क्रिएट करने वाले क्रिएटर्स को ही भुगतान किया जाएगा।
शुरू हुआ नया Payment System
YouTube पर तमाम सारे क्रिएटर्स और इंफ्लुएंसर्स सिर्फ अपने कंटेंट को पुश करने के लिए समय बिताते हैं। उनके कुछ कंटेंट तो ओरिजनल होते हैं लेकिन अधिकतर रिपीटेड होते हैं। इसके अलावा एआई आनले के बाद तमाम लोगों ने सिर्फ एआई जनरेट कंटेंट ही अपलोड करना शुरू कर दिया है। ऐसे में यूट्यूब ने एआई जनरेटेड कंटेंट और कम मेहनत वाले वीडियोज के लिए YouTube Monetization Policy में बदलाव करेगा और नया पेमेंट सिस्टम भी शुरू करेगा।
अब तक ऐसे मिलता था पेमेंट
Google ने यह घोषणा की है कि YouTube Monetization Policy बदलने जा रही है और यह बदलाव अगले हफ्ते से लागू भी हो जाएगा। वर्तमान समय की बात करें तो यूट्यूबर्स को सीधे एडसेंस के जरिए उनके अकाउंट में पेमेंट भेजा जाता था लेकिन अब कंपनी एक नया तरीका अपनाने जा रही है। इसके तहत अब क्रिएटर्स को एडसेंस अकाउंट अलग से लिंक करना पड़ेगा, ताकि पेमेंट और रिपोर्टिंग टाइम अलग-अलग हो सके।
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YouTube Monetization Policy: ऐसे लोगों पर पड़ेगा असर
YouTube Monetization Policy को लेकर ऑफिशियल सपोर्ट पेज पर दी गई जानकारी की बात करें तो यूट्यूब पार्टनर प्रोग्राम (YPP) के हिस्से के रूप में कमाई करने के लिए यूट्यूब ने हमेशा ओरिजिनल और ऑथेंटिक कंटेंट की मांग की है। 15 जुलाई 2025 से प्लेटफॉर्म बड़े पैमाने पर बनाए गए और बार-बार रिपीट किए गए कंटेंट की पहचान के लिए गाइडलाइंस को अपडेट कर रहा है।
15 जुलाई से सभी क्रिएटर्स को गाइडलाइन फॉलो करनी होगी। बता दें कि किसी चैनल को यूट्यूब द्वारा तब मोनेटाइज किया जाता है, जब उसके पास 1,000 सब्सक्राइबर्स और एक साल के भीतर 4,000 वैलिड पब्लिक वॉच ऑवर्स होते हैं। इसके अलावा 90 दिनों के भीतर 10 मिलियन पब्लिक शॉर्ट व्यूज भी मोनेटाइजेशन के लिए मान्य होते हैं।
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