इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के मामले में MG Motors का भारतीय बाजार में बोलबाला है और सड़कों पर इसकी गाड़ियां खूब फर्राटा भर रही हैं। MG Windsor EV तो ग्राहकों के दिलों में उतर गई है और इसकी बिक्री ने टाटा नेक्सॉन ईवी को भी पटखनी दे दी है। हालांकि, कंपनी की इस ईवी की सफलता के पीछे बैटरी-एज-सर्विस यानी BaaS System को कारण माना जा रहा है। आइए आपको बताते हैं कि क्या है BaaS System, यह कैसे काम करता है और कैसे इससे इलेक्ट्रिक कार किफायती हो जाती है।
April में इतने यूनिट बिकी विंडोसोर ईवी
BaaS System से लैस होकर आने वाली एमजी विंडसोर ईवी ग्राहकों को खूब पसंद आ रही है। अप्रैल 2025 में इसकी 23,054 यूनिट्स को बेचने में कंपनी ने सफलता हासिल की थी। इसके अलावा कुछ दिन पहले ही इस ईवी ने भारत में सबसे तेज 20 हजार यूनिट की सेल का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया है। इससे पहले टाटा मोटर्स की Tata Nexon EV सबसे ज्यादा बिकने वाली कार थी लेकिन इसने उसे पछाड़ दिया है।
जानिए क्या है BaaS System

BaaS System की सफलता के लिए पीछे बास सिस्टम को जिम्मेदार माना जा रहा है। बास का पूरा नाम बैटरी-एज-सर्विस है। इसके तहत अगर आप एमजी कंपनी की कोई भी इलेक्ट्रिक कार खरीदते हैं तो आपको बैटरी की कीमत नहीं चुकानी पड़ती है। आप बैटरी की कीमत को घटाकर कंपनी की कार खरीद सकते हैं। उदाहरण के तौर पर समझें तो MG Windsor EV करीब 14 लाख रूपए की कीमत से शुरू होती है लेकिन बास सिस्टम के जरिए इसे केवल आप 10 लाख रूपए की कीमत में ही खरीद सकते हैं।
ऐसे काम करता है ये System
BaaS System से आपके इलेक्ट्रिक कार की शुरूआती कीमत कम हो जाती है। हालांकि, ऐसा नहीं है कि आपको कार के साथ बैटरी नहीं मिलेगी। इसके साथ मिलने वाली 38 केडब्ल्यूएच की बैटरी के लिए आपको प्रति किलोमीटर के हिसाब से 3.9 रूपए चार्ज देना होगा। इसका मतलब है कि आप जितनी कार चलाएंगे, उतना ही बैटरी का भुगतान आपको करना होगा।
उदाहरण के जरिए समझें तो अगर आप महीने में 1,500 किलोमीटर का सफर तय करते हैं तो आपको करीब 5,850 रूपए चुकाने पड़ेंगे। आप कंपनी से साल भर या कुछ महीनों का भुगतान एक साथ करने का Plan भी खरीद सकते हैं। यह सिस्टम ग्राहकों को खूब पसंद आ रहा है।
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