Cyber Crime के बढ़ रहे मामलों के बीच Ransomware Attack लोगों का कंगाल बना रहा है। इसमें मालवेयर के जरिए कम्प्यूटर या सिस्टम को Hack करके क्रिमिनल्स द्वारा लोगों से वसूली की जाती है। कंपनियों, संस्थाओं और दूसरे संगठनों को इससे ज्यादा खतरा रहता है लेकिन आम लोग भी इसका शिकार हो रहे हैं। इस आर्टिकल में हम आपको बताने वाले हैं कि Ransomware Attack क्या होता है, इससे अपराधी कैसे आपको शिकार बनाते हैं और इससे बचने के तरीके क्या-क्या हैं।
ऐसे होता है Ransomware Attack
Ransomware Attack करने वाले साइबर क्रिमिनल मलेशियस सॉफ्टवेयर के जरिए निशाना बनाए जाने वाले सिस्टम में मालवेयर पहुंचा देते हैं। इसके बाद उनके पास आपके सिस्टम का Access आ जाता है। इसके जरिए वह आपके Data को चोरी कर सकते हैं, उसे Lock कर सकते हैं या फिर इसे Encrypt भी कर सकते हैं।
यही नहीं कभी-कभी यह आपके सिस्टम का यूज दूसरी कंपनियों के साथ धोखाधड़ी करने में भी कर डालते हैं। जिससे यह तो बच जाते हैं लेकिन सिस्टम आपका होने की वजह से कार्रवाई की जद में आप आ जाते हैं। यही नहीं Cyber Criminal आपके सिस्टम के जरिए ऐसी Service को Subscribe कर सकते हैं, जिसके लिए आपको मोटी रकम चुकानी पड़ सकती है।
Ransomware Attack के बाद करते हैं पैसों की डिमांड
Ransomware Attack के जरिए आपके System का एक्सेस लेने के बाद Attackers आपसे फिरौती मांगते हैं। आमतौर पर Attackers आपको पैसे का भुगतान क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के जरिए करने के लिए कहते हैं, ताकि आपके लिए या किसी अन्य के लिए इन तक पहुंच पाना मुश्किल हो जाए। सिस्टम हैक होने के बाद अगर आप पैसे दे भी देते हैं तो कोई जरूरी नहीं कि आपका सिस्टम हैकर्स Unlock कर देंगे या आपके Data को चोरी नहीं करेंगे।
Ransomware Attack से बचने के तरीके
अलग-अलग लेवल पर सावधानी बरत कर आप Ransomware Attack से बच सकते हैं। सबसे पहली बात आप किसी भी असुरक्षित, नकली या संदिग्ध Website को अपने सिस्टम पर मत खोलें। न किसी अनजान व्यक्ति द्वारा भेजे गए E-mail या Link को ओपेन करें या एक्सेस करें। अपने महत्वपूर्ण डेटा और फाइल्स का भी नियमित तौर पर Backup लेते रहना चाहिए।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अपने System को नियमित तौर पर Update करते रहें, इससे सिस्टम की Security को कमजोर करने वाली चीजें अपने आप ही दुरूस्त हो जाती हैं। अगर आप इसका शिकार भी हो जाते हैं तो इफेक्टिव डिवाइस को अन्य डिवाइस से तुरंत अलग कर दें।
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