डिजिटल मार्केट की ग्रोथ इतनी तेजी से हो रही है, जितनी कि लोग कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। देश में लाखों की संख्या में एक्टिव Digital Creators अरबों डॉलर के उपभोक्ता खर्च को प्रभावित कर रहे हैं और कहा जा रहा है कि देश की 5 ट्रिलियन इकोनॉमी के सपने में इनकी भी भूमिका काफी अहम होने वाली है।

देश में इतने लाख हैं Digital Creators

पिछले कुछ सालों में भारत में Data के सस्ते होने का व्यापक असर देखने को मिल रहा है। इसका सबसे ज्यादा असर Digital Content पर पड़ा है। एक आंकड़े की मानें तो वर्तमान समय में देश में 20 से 25 लाख Digital Creators एक्टिव हैं। यह ऐसे लोगों की संख्या है, जिनके पास कम से कम 1,000 फॉलोअर्स हैं। रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि ये क्रिएटर्स हर साल करीब 350 अरब डॉलर के उपभोक्ता खर्च को प्रभावित कर रहे हैं।

हालांकि, इन क्रिएटर्स में से आठ से दस फीसदी लोग ही ऐसे हैं, जो इससे अर्निंग कर पा रहे हैं। माना जा रहा है कि आने वाले समय में भारत के इस क्षेत्र में और आगे बढ़ने की पूरी संभावना है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस समय Creative Ecosystem की सीधी आय 20-25 अरब डॉलर है, जो कि इस दशक के अंत में यानी साल 2030 तक यह 100 से 125 अरब डॉलर तक पहुंच सकती है।

छोटे शहरों में तेजी से बढ़ रही पहुंच

Digital Creators सिर्फ मेट्रो सिटी या फिर महानगरों से नहीं हैं, बल्कि छोटे शहरों में इनकी संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसके अलावा युवा पीढ़ी से लेकर हर उम्र के लोगों की संख्या इस फील्ड में बढ़ रही है। डिजिटल इकोसिस्टम टियर 2 और टियर 3 से लेकर गांवों और विभिन्न आयु वर्ग के लोगों में अपनी गहरी पैठ बनाता जा रहा है।

यह Content देश के हर कोने से लोगों को जोड़ रहे हैं और शॉर्ट वीडियोज सबसे अधिक पॉपुलर बनकर उभरे हैं। आज के समय में Short Videos यूजर्स द्वारा सबसे अधिक पसंद किए जा रहे हैं। हास्य, फिल्मों के सीन से लेकर धारावाहिक और फैशन से जुड़ी सामग्री लोगों द्वारा तेजी से पसंद की जा रही है।

पसंद ने बदली मार्केट

Digital Creators की बढ़ती संख्या और उनकी पॉपुलैरिटी ने अब मार्केट व मार्केटिंग के तरीके को भी बदलने का काम किया है। कंपनियां अब अपनी पब्लिसिटी के लिए नए सिरे से योजनाओं को तैयार कर रही हैं और पॉपुलर कंटेंट क्रिएटर्स के जरिए अपने ब्रांड का प्रमोशन कर रही हैं।

यह भी पढ़ेंः-भारत ही क्यों बनेगा iPhone Manufacturing का हब, खुद एप्पल के सीईओ ने बताया ये बड़ा कारण