लखनऊ: Uttar Pradesh में Business करना पहले से कहीं अधिक आसान हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में State Government के नीतिगत सुधारों ने 'Ease of Doing Business' को नई गति दी है। Shops and Commercial Establishments Act, 1962 के अंतर्गत किए गए व्यापक परिवर्तनों ने न केवल व्यापारियों का विश्वास जीता है, बल्कि रजिस्ट्रेशन एवं संचालन में ट्रांसपेरेंसी, सरलता और गति भी सुनिश्चित की है।

Uttar Pradesh ने दफ्तर के चक्करों से दिलाई मुक्ति

मानचिYogi Government की नीतियों से सिंपल प्रोसेस, सेफ इंवायरमेंट और प्रदेश में तीव्र प्रगति के साथ Uttar Pradesh 'न्यू इंडिया' के आर्थिक त्र पर चमकता सितारा बन रहा है। Yogi Government की Auto mode system के तहत अब व्यापारी बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के एक ही दिन में अपने प्रतिष्ठान का पंजीकरण करा सकते हैं। इस क्रांतिकारी प्रणाली ने जहां व्यापारियों को लंबी प्रक्रियाओं और दफ्तरों के चक्कर लगाने से मुक्ति दिलाई है, वहीं Renovation की अनिवार्यता को समाप्त करके व्यापारियों को साल-दर-साल होने वाली औपचारिकताओं से भी मुक्ति दिलाई है।

आईटी सेक्टर को मिल रहा बढ़ावा

इतना ही नहीं, ऐसे प्रतिष्ठान, जिनमें कोई कर्मचारी कार्यरत नहीं है, उन्हें अब पंजीकरण की बाध्यता से पूरी तरह मुक्त कर दिया गया है। इससे छोटा बिजनेस करने वाले और सेल्फ इंप्लॉय करने वालों को सीधी राहत मिली है। Yogi Government ने राज्य में आईटी सेक्टर को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 24x7 काम की भी अनुमति दी है, बशर्ते सुरक्षा मानकों का पालन किया जाए। इससे Startup, BPO और सॉफ्टवेयर कंपनियों को चौबीसों घंटे काम करने का मौका मिल रहा है, जिससे Digital Economy में राज्य प्रतिस्पर्धी बनेगा।

महिलाओं की भागीदारी सबसे अहम

महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से रात्रि पाली में काम करने की भी अनुमति दी गई है। इसके लिए प्रतिष्ठानों को परिवहन और सुरक्षा से जुड़ी शर्तों का पालन करना होगा। यह कदम Women Empowerment के साथ-साथ कार्यबल में विविधता बढ़ाने की दिशा में एक सराहनीय पहल है। Uttar Pradesh Government की इन पहलों का सीधा असर भी सामने आया है।

Financial Year 2022-23 (अगस्त 2022 से मार्च 2023) में जहां 27,014 इकाइयां पंजीकृत हुईं तथा 1,856.42 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ, वहीं 2023-24 में पंजीकृत इकाइयों की संख्या बढ़कर 44,091 हो गई तथा राजस्व 3,496.94 लाख रुपये तक पहुंच गया। Financial Year 2024-25 में अब तक 45,551 इकाइयां पंजीकृत हो चुकी हैं, जिनसे 3,770.50 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है।

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