अगर आप भी चीन के एआइ आधारित प्लेटफॉर्म DeepSeek का इस्तेमाल करते है, तो आपको बता दें कि यह चैटबॉट चीनी मानसिकता पर आधारित जवाब देता है। यह चैटबॉट अधिकांशतः चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी के दृष्टिकोण को ही पेश करता है।
DeepSeek ने जारी किया अपना पहला मुफ्त चैटबाट एप
DeepSeek ने 10 जनवरी को अपना पहला मुफ्त चैटबॉट एप जारी किया था। इस चैटबॉट के लांच होने के बाद ही इसने स्टॉक बाजार में एनवीडिया जैसी दिग्गज कंपनी को भारी नुकसान पहुंचाया था। इस चैटबॉट की जाँच कर रहें शोधकर्ताओं का मानना है कि यह चीनी सत्ताधारी पार्टी का प्रोपोगैंडा के साथ साथ गलत जानकारी प्रदान कर रहा है।
न्यूजगार्ड एवं अन्य संगठनों के शोधकर्ताओं ने डीपसीक द्वारा दी जा रही गलत जानकारी व तथ्यों से छेड़छाड़ को दस्तावेज के रूप में सहेजा है। उदाहरण के तौर पर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति कार्टर की ताइवान पर टिप्पणी और झिनजियांग के हालात की जानकारी को रखा गया है।
चीनी सरकार के विचारों का पक्षधर है यह चैटबॉट
यह चैटबॉट अधिकांशतः चीनी सरकारों के विचारों को समर्थन करता है, फिर वो उइगरों का दमन का विषय हो या फिर कोविड-19 महामारी का विषय। यह टिकटॉक के असर के बारे में उठी चिंताओं के साथ ही वैश्विक धारणाओं के लिए हो रहें तकनीक का प्रयोग के ऊपर चीनी रणनीति को व्यक्त करता है।
डिजिटल रिसर्च कंपनी ग्राफिका के चीफ रिसर्च आफिसर जैक स्टब्स बताते है कि चीन सूचना अभियानों में नई तकनीकों का फायदा उठा रहा है। दूसरे बड़े लार्ज लैंग्वेज मॉडल्स (LLM) की तरह डीपसीक भारी-भरकम टेक्स्ट का विश्लेषण उसी प्रकार करता है, जिससे भ्रम या अशुद्धियों भरे परिणाम दिखते है।
चीनी विचारों की तरह ही होते है DeepSeek के जवाब
जब भी DeepSeek से शी जिनपिंग, थ्येन आनमन चौक या फिर ताईवान जैसे संवेदनशील मुद्दों पर पूछा जाये, तो यह जवाब देने से या तो किनारा कर लेता है, या फिर चीनी मानसिकता को दर्शाने लगता है। न्यूजगार्ड के अनुसार डीपसीक के 80 प्रतिशत जवाब चीन के विचारों की तरह होते है, और साथ ही एक तिहाई जवाबों में पूरी तरह से झूठ जवाब देता है। उदाहरण के तौर पर जब इस चैटबॉट से बुचा नरसंहार से जुड़ी जानकारी मांगी गयी तो इसने चीनी अधिकारियों के बयान को दोहराया और सीधी टिप्पणी से बचने की कोशिश भी करता रहा।
किसने बनाया है DeepSeek
DeepSeek चैट जीपीटी की तरह ही एक एआई चैटबॉट है, जिसे चीन के हांगझो प्रांत की एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी ने विकसित किया है। ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने डीपसीक की तारीफ करते हुए, इसको एक 'प्रभावशाली मॉडल' भी बताया है। डीपसीक एक बहुत ही सस्ता चैटबॉट भी है। जहाँ चैट जीपीटी जैसे चैटबॉट को बनाने में अरबों डॉलर का खर्चा आया है, तो वही डीपसीक को बनाने में मात्र 60 लाख डॉलर ही खर्च हुए है।
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