USA ने रूस के सैन्य-औद्योगिक प्रतिष्ठानों को समर्थन देने के आरोप में भारत सहित कई देशों की 275 कंपनियों और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाए हैं। अमेरिकी वित्त विभाग द्वारा जारी इस सूची में 15 भारतीय कंपनियों का नाम भी शामिल है। यह कदम रूस को एडवांस तकनीक और उपकरण पहुंचाने की गतिविधियों को रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है, ताकि रूस की युद्ध क्षमता को कमजोर किया जा सके।

ये भारतीय कंपनियां सूची में

अमेरिकी वित्त विभाग के मुताबिक, भारत की 15 कंपनियों पर रूस की सैन्य गतिविधियों में सहयोग करने का आरोप है। इनमें आभार टेक्नोलॉजीज एंड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, डेनवास सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, एमसिस्टेक, गैलेक्सी बियरिंग्स लिमिटेड, ऑर्बिट फिनट्रेड एलएलपी, इनोवियो वेंचर्स, केडीजी इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड, और खुशबू होनिंग प्राइवेट लिमिटेड का नाम शामिल है।

इसके अलावा, लोकेश मशीन्स लिमिटेड, पॉइंटर इलेक्ट्रॉनिक्स, आरआरजी इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, शार्पलाइन ऑटोमेशन प्राइवेट लिमिटेड, शौर्य एयरोनॉटिक्स प्राइवेट लिमिटेड, श्रीजी इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड और श्रेया लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।

USA ने वैश्विक स्तर पर टैक्स चोरी का आरोप

USA ने रूस के खिलाफ अपनी नीति को और सख्त करते हुए इन प्रतिबंधों को वैश्विक टैक्स चोरी नेटवर्क पर भी लागू किया है। इसके तहत, रूस की सैन्य-औद्योगिक गतिविधियों में सहायता करने वाले घरेलू रूसी आयातकों और उत्पादकों को भी निशाना बनाया गया है।

अमेरिकी वित्त उपमंत्री वैली अडेयेमो ने कहा कि USA और उसके सहयोगी रूस को यूक्रेन के खिलाफ युद्ध के लिए आवश्यक तकनीक और उपकरणों की आपूर्ति रोकने के लिए कदम उठा रहे हैं।

इन देशों में चीन, स्विट्जरलैंड, थाईलैंड और तुर्किए की कई कंपनियां शामिल हैं जो रूस को दोहरे उपयोग वाले सामान का निर्यात कर रही हैं।

USA के इस कदम का उद्देश्य रूस की युद्ध क्षमता को कमजोर करना और प्रतिबंधों का उल्लंघन कर रूस की मदद करने वालों पर सख्ती करना है।

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