भारत सरकार की ओर से UPI Payment के लेनदेन पर किसी प्रकार के जीएसटी नहीं लगेगा. हाल ही में सोशल मी़डिया पर प्रसारित हो रही इस तरह की खबरों का वित्त मंत्रालय की ओर से खंड़न कर दिया गया है. मंत्रालय की ओर से साफ रूप में कहा गया गया है कि ये जो खबरें चल रही हैं बिल्कुल गलत है. सरकार UPI Payment के जरिए डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है. ऐसे में इस तरह का कोई प्रस्ताव सरकार के सामने नहीं हैं.
UPI Payment पर नहीं लगेगा किसी प्रकार का टैक्सः
दरअसल पिछले कुछ दिनों से ऐसी खबरें आ रही थी कि सरकार 2 हजार रूपये से ज्यादा के यूपीआई लेनदेन पर जीएसटी लगाने की सोच रहा है. इन खबरों को प्रसारित करने के साथ ही लोगों में कंफ्यूजन की स्थिति उत्पन्न हो गई थी.
वित्त मंत्रालय ने किया खबरों का खंड़नः
हालांकि, अब वित्त मंत्रालय की ओर से इन खबरों को सिरे से नकार दिया है. मंत्रालय़ की ओर से कहा गया है कि सरकार के सामने अभी ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है. इस दौरान वित्त मंत्रालय की ओर से ये भी स्पष्ट किया गया कि सरकार यूपीआई के जरिए डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, ऐसे में इस तरह का सवाल ही नहीं उठता.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि फिलहाल सरकार के पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है जिसमें यूपीआई से पेमेंट करने पर किसी प्रकार के टैक्स को जोड़ने की बात की गई हो. जीएसटी कुछ इस तरह के शुल्कों पर लगता है. इनमें मर्चेंट डिस्काउंट रेट(एमडीआर) शामिल है. गौरतलब है कि एमडीआर वो होता है जो व्यापारी बैंक को पेमेंट करने पर देता है. UPI Payment पर MDR हट चुका है.
UPI लेनदेन पर हट चुका है MDR:
CBDT की ओर से जनवरी 2020 से ग्राहक से व्यापारी के बीच UPI Payment पर एमडीआर हटा दिया है. इसका मतलब ये है कि अब ग्राहक जब UPI से पेमेंट करते हैं तो व्यापारियों को MDR नहीं देना होता है.
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