भारत में डिजिटल पेमेंट की क्रांति ने नई ऊंचाइयां छू ली हैं। यूपीआई (UPI) ने जनवरी से नवंबर 2024 के बीच 223 लाख करोड़ रुपये के 15,547 करोड़ से अधिक ट्रांजैक्शन का रिकॉर्ड बनाया है। वित्त मंत्रालय ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर इस उपलब्धि से संबंधित डेटा साझा करते हुए यूपीआई की सफलता को रेखांकित किया। यह डिजिटल पेमेंट सिस्टम भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा 2016 में लॉन्च किया गया था।

2022 के बाद आयी UPI में तेजी

यूपीआई ने एक ही एप्लिकेशन के माध्यम से कई बैंक खातों को जोड़कर ऑनलाइन पेमेंट को बेहद सरल बना दिया है। इसके जरिए न केवल व्यक्तिगत भुगतान में तेजी आई है, बल्कि व्यवसायिक लेन-देन भी आसान हुआ है। UPI का उपयोग करने वाले यूजर्स अब रुपये क्रेडिट कार्ड को भी यूपीआई ऐप से जोड़कर ट्रांजैक्शन कर सकते हैं।

सितंबर 2022 में रुपये क्रेडिट कार्ड पर UPI ट्रांजैक्शन की शुरुआत के बाद इस क्षेत्र में तेजी देखी गई। वित्त मंत्रालय के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 के पहले 7 महीनों में रुपये क्रेडिट कार्ड से UPI ट्रांजैक्शन की राशि लगभग दोगुनी हो गई। अप्रैल से अक्टूबर 2024 तक 63,825.8 करोड़ रुपये के 750 मिलियन ट्रांजैक्शन दर्ज किए गए, जबकि वित्त वर्ष 2024 में यह आंकड़ा 33,439.24 करोड़ रुपये था।

अक्टूबर-नवंबर में रिकॉर्ड लेन-देन

UPI ने अक्टूबर 2024 में 16.58 अरब ट्रांजैक्शन के साथ 23.50 लाख करोड़ रुपये का उच्चतम स्तर छुआ। नवंबर में भी यह आंकड़ा प्रभावशाली रहा, जहां ट्रांजैक्शन की संख्या 15.48 अरब और कुल मूल्य 21.55 लाख करोड़ रुपये दर्ज किया गया। सालाना आधार पर नवंबर में ट्रांजैक्शन की संख्या में 38% और मूल्य में 24% की वृद्धि हुई।

यूपीआई की सफलता सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है। यह अब सात देशों—यूएई, सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फ्रांस और मॉरीशस में भी ऑपरेशनल है। इसके जरिए भारत की डिजिटल क्रांति को वैश्विक स्तर पर पहचान मिल रही है। वर्तमान में 632 बैंक इस प्लेटफॉर्म से जुड़े हुए हैं।

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