साल 2024 अपने अंतिम पन्नों पर है, लेकिन यह भारत के लिए उपलब्धियों का स्वर्णिम अध्याय लिख चुका है। लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल की सफलता से लेकर दवा निर्माण में वैश्विक नेतृत्व तक, यह साल भारत की असाधारण प्रगति का गवाह बना। इन उपलब्धियों की फेहरिस्त में एक और मील का पत्थर जुड़ा—UPI के जरिए रिकॉर्ड 16.5 बिलियन लेनदेन। यह न केवल डिजिटल भारत के सपने को साकार करता है, बल्कि तकनीकी विकास के नए मानक भी स्थापित करता है।

UPI ने रचा इतिहास

इस साल UPI ने वॉल्यूम और वैल्यू दोनों के मामले में अभूतपूर्व ऊंचाइयां छुईं। अक्टूबर 2024 में पहली बार वॉल्यूम ने 16 बिलियन और वैल्यू ने 23 ट्रिलियन रुपये का आंकड़ा पार किया। यह उपलब्धि त्योहारों के सीजन में खरीदारी और व्यापार के उछाल के कारण संभव हुई। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर की तुलना में अक्टूबर में लेनदेन वॉल्यूम में 10% और वैल्यू में 14% की वृद्धि हुई।

अगस्त 2024 के आंकड़े भी कम प्रभावशाली नहीं थे, जब 14.96 बिलियन लेनदेन दर्ज किए गए, जिनकी कुल वैल्यू 20.61 ट्रिलियन रुपये थी। अक्टूबर में यह आंकड़ा औसतन 535 मिलियन लेनदेन प्रतिदिन तक पहुंच गया, जिसकी औसत वैल्यू 75,801 करोड़ रुपये रही। यह स्पष्ट करता है कि भारत अब तेज़ी से डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है।

डिजिटल इंडिया का सपना हुआ साकार

साल 2016 में UPI की शुरुआत से लेकर 2024 तक का सफर, डिजिटल क्रांति की अद्भुत कहानी है। MyGovIndia ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर इस उपलब्धि को साझा करते हुए कहा कि यह साल भारत के लिए ऐतिहासिक रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत की यह यात्रा न केवल भारतवासियों को गर्व से भरती है, बल्कि दुनिया के लिए प्रेरणा बन रही है।

UPI प्रणाली केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं है। यह डिजिटल युग में भारत के आत्मविश्वास और नवाचार का प्रतीक है। हर वर्ग और हर कोने में UPI ने अपनी पहुंच बनाकर साबित किया है कि डिजिटल इंडिया का सपना अब हकीकत बन चुका है।

त्योहारों ने बढ़ाई लेनदेन की रफ्तार

अक्टूबर का त्योहारी माह इस डिजिटल क्रांति के लिए बेहद खास रहा। खरीदारी और व्यापार ने वॉल्यूम और वैल्यू, दोनों में नया रिकॉर्ड कायम किया। पहली बार 16 बिलियन वॉल्यूम और 23 ट्रिलियन वैल्यू का आंकड़ा पार हुआ। यह भारत की डिजिटल कहानी का वह अध्याय है, जो दुनिया को दिखा रहा है कि कैसे तकनीक और नवाचार के सहारे देश हर दिशा में आगे बढ़ रहा है।

भारत के इस डिजिटल सफर ने न केवल अर्थव्यवस्था को नई मजबूती दी है, बल्कि यह दिखाया है कि देश अब तकनीकी विकास और नवाचार में वैश्विक नेतृत्व करने के लिए तैयार है।

Also Read : Business Idea: मात्र 5000 में शुरू करें ये धासु बिजनेस, फ्री में मिलेगी ट्रेनिंग और हर महीने होगी तगड़ी कमाई