नापाक पाकिस्तान का युद्ध के दौरान साथ देने वाले Turkey को भारत ने सबक सिखाने का मन बना लिया है। भारत सरकार ने अब तुर्की को लेकर बड़ा फैसला किया है। देश भर में तुर्की के निवेश वाले चल रहे प्रोजेक्ट की समीक्षा होने जा रही है। ऐसे में देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश सहित दिल्ली समेत कई राज्यों में चल रहे मेट्रो, टनल और निर्माण प्रोजेक्ट्स पर इसका सीधा असर पड़ रहा है। आइए आपको बताते हैं कि Turkey Investment कहां-कहां हुआ है और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार कितना है।
इतना आया है Turkey से FDI
भारत में तुर्की से काफी विदेशी निवेश यानी FDI आता है। आंकड़ों पर गौर करें तो अप्रैल 2000 से सितंबर 2024 तक तुर्की से करीब 24 करोड़ डॉलर का Turkey Investment भारत में आया था। इस तरह विदेशी निवेश के मामले में यह 45वें स्थान पर रहा था। फाइनेंशियल ईयर 2023-2024 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय कारोबार की बात करें तो यह 10.4 अरब डॉलर रहा है।
इन राज्यों में चल रहे हैं तुर्की की कंपनियों के काम
तुर्की पर राज्यवार नजर डालें तो उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मुंबई, गुजरात और जम्मू-कश्मीर में आईटी, मेट्रो रेल और टनल सहित कई प्रोजेक्ट्स में बड़े पैमाने पर निवेश हुआ है। तुर्की की कंपनियों ने भारत में कंस्ट्रक्शन और टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर निवेश कर रखा है। लखनऊ, पुणे और मुंबई के मेट्रो प्रोजेक्ट्स के साथ ही गुजरात के मैन्यफैक्चरिंग यूनिट में निवेश कर रखा है। केंद्र सरकार के फैसले का असर इन कंपनियों पर पड़ना तय है क्योंकि इसकी व्यापक पैमाने पर समीक्षा होने वाली है।
इस कंपनी पर भारत सरकार ने लिया Action
एक तरफ जहां भारत सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में Turkey Investment की व्यापक समीक्षा के निर्देश दिए हैं, वहीं दूसरी तरफ तुर्की की एविएशन कंपनी सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी को रद्द कर दिया गया है। यह कंपनी देश के 9 Airport पर अपन सेवाएं देती है और मंजूरी रद्द होने के बाद अब यह अपनी सेवा नहीं दे पाएगी। इसके अलावा केंद्र सरकार ने निजी और सरकार क्षेत्रों के इन्वेस्टमेंट की व्यापक पड़ताल शुरू कर दी है। इनकी भूमिका और हिस्सेदारी की समीक्षा की जाएगी।
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