नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को अमेरिका विरोधी नीतियों का समर्थन करने वाले BRICS देशों को कड़ी चेतावनी दी। ट्रंप ने कहा कि 'अमेरिका विरोधी' नीतियों से जुड़ने वाले देशों को 10 फीसदी का अतिरिक्त टैरिफ झेलना पड़ेगा।

ट्रंप की नई घोषणा से वैश्विक व्यापार में और अनिश्चितता पैदा होने की संभावना है क्योंकि अमेरिका भारत समेत अपने कई व्यापारिक साझेदारों के साथ टैरिफ पर बातचीत जारी रखे हुए है, जिसकी मियाद 9 जुलाई को खत्म हो रही है।

BRICS देशों के वित्त मंत्रियों की बैठक के बाद आया बयान

अमेरिकी राष्ट्रपति का यह रुख BRICS देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों (एफएमसीबीजी) की बैठक के संयुक्त बयान के बाद आया है, जिसमें टैरिफ बढ़ाने और गैर-टैरिफ उपायों समेत व्यापार और वित्त से जुड़ी कार्रवाइयों को एकतरफा थोपने के खिलाफ आवाज उठाई गई है। इससे पहले 9 अप्रैल को ट्रंप प्रशासन ने टैरिफ के क्रियान्वयन पर 3 महीने के लिए रोक लगा दी थी। यह अवधि 9 जुलाई को खत्म हो रही है।

पियूष गोयल ने कही थी ये बात

अमेरिका और भारत के बीच टैरिफ को लेकर बातचीत में गतिरोध जारी है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को जारी बयान में कहा था कि भारत हमेशा मजबूत स्थिति से बातचीत करता है, किसी तरह के समय सीमा के दबाव में नहीं।

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क्या है ये समूह

अमेरिका द्वारा दुनिया के देशों पर लगाए गए जवाबी टैरिफ की समय सीमा 9 जुलाई को खत्म हो रही है। दूसरी ओर ब्राजील में 17वां BRICS शिखर सम्मेलन चल रहा है। BRICS समूह में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका जैसे देश शामिल हैं। इसके अलावा पिछले कुछ सालों में कई अन्य विकासशील देश BRICS में शामिल हुए हैं, जिनकी संख्या बढ़कर 10 हो गई है।

BRICS समूह में दुनिया की करीब आधी आबादी और वैश्विक जीडीपी का करीब 40 फीसदी हिस्सा शामिल है। BRICS समूह के देशों के पास वैश्विक व्यापार और निवेश प्रवाह का करीब एक चौथाई हिस्सा है।

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