Train With No Window And Door: ट्रेन से तो हम सभी ने यात्रा किया होगा जिसमें हमें खिड़की वाली सीट काफी पसंद होती है जहां से हम बाहर का नजारा ले सकते हैं, लेकिन क्या आपने एक ऐसी ट्रेन के बारे में सुना है जिसमें ना ही तो खिड़की होता है और ना ही दरवाजा (Train With No Window And Door).

फिर भी यह पटरी पर दौड़ लगाती है. यह ट्रेन पूरी तरह से पैक होती हैं जिसे एनएमजी ट्रेन यानी की न्यू मोडिफाइड गुड्स के नाम से जाना जाता है. यह एक तरह की माल गाडी़ ट्रेन होती है जो दिखने में तो पैसेंजर ट्रेन की तरह ही लगती है लेकिन यह बहुत अलग होती है.

Train With No Window And Door: होती है ये खासियत

देखने में यह ट्रेन आपको बिल्कुल पैसेंजर ट्रेन की तरह लगेगी लेकिन इसके सभी खिड़की दरवाजे बंद होते हैं. इस तरह के ट्रेन को तैयार करने के लिए ट्रेनों के पुराने कोचो का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे पूरी तरह से सील कर दिया जाता है और अंदर से जो भी सीट होते हैं उसे हटा दिया जाता है.

इसी ट्रेन में कार, मिनी ट्रक और ट्रैक्टर को आसानी से लोड और अनलोड किया जाता है. यहां आप देख सकते हैं कि केवल एक ही दरवाजा (Train With No Window And Door) होता है जो ट्रेन के सबसे आखिर में होता है. बात अगर इसके रफ्तार की करें तो यह 75 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ता है.

ये है खिड़की- दरवाजे बंद होने का कारण

आमतौर पर रेलवे की जो पैसेंजर ट्रेन में सेवाएं देने वाले आईसीएफ कोच होते हैं, उनकी लाइफ 20 से 25 साल होती है और यह सीमा पार करने के बाद इन्हें सर्विस से मुक्त कर दिया जाता है, जिसके बाद यह पोओएच के लिए भेजे जाते हैं, जहां पर इन्हें ऑटो करियर में बदल दिया जाता है.


यहां खिड़की- दरवाजे (Train With No Window And Door) के बंद रखने के पीछे वजह यह है कि कोई भी व्यक्ति यहां सामान के साथ छेड़छाड़ ना करे. रेलवे द्वारा कई तरह की ट्रेनों का संचालन किया जाता है और यह भी उन्ही में से एक ट्रेन है. भले ही यह पैसेंजर को ना ले जाता हो लेकिन देश की अर्थव्यवस्था में इस तरह की ट्रेनों का बहुत बड़ा योगदान है.

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