भारत सरकार ने हाई सिक्योरिटी Registration प्लेट HSRP को वाहनों में लगाने के लिए पूरी तरह से अनिवार्य कर दिया है लेकिन इसके बाद भी छत्तीसगढ़ के लगभग 80% से ज्यादा वाहनों में यह Registration नंबर प्लेट अभी तक नहीं लगी है। जिसका मुख्य कारण है आवेदन की प्रक्रिया और आरटीओ के चक्कर काटना जिसके चलते लोगों को यह समझ में नहीं आ रहा है कि पहले वाहन में नंबर प्लेट लगेगी या फिर उसका चालान कटेगा।
Registration नंबर प्लेट न होने पर होगा चालान :
हाल ही में छत्तीसगढ़ पुलिस ने मोटरयान अधिनियम के तहत अभियान शुरू कर दिया है जिसमें वाहनों की Registration नंबर प्लेट, RC, DL के साथ-साथ हेलमेट न होने पर भारी चालान किया जाएगा इसी के साथ ही अगर आप नियमों का उल्लंघन करते हैं तो आप पर जुर्माना और कार्यवाही दोनो की जाने वाली है।
इसी के साथ ही छत्तीसगढ़ पुलिस ने वाहन चालकों से यह अनुरोध किया है कि वह जल्द से जल्द हाई सिक्योरिटी Registration नंबर प्लेट अपने वाहनों में लगवा ले नहीं तो उनके लिए या बड़ी परेशानी बन सकती है।
1 अप्रैल 2019 से पहले के 31 लाख वाहन :
बता दें कि राज्य सरकार ने इस बात का ऐलान किया था कि सभी वाहन चालक 1 अप्रैल 2019 से पहले रजिस्टर नंबर प्लेट लगवा दें लेकिन अभी 31 लाख वाहनों में केवल एक लाख वाहनों में ही रजिस्टर नंबर प्लेट लगी है। इसी के साथ ही लगभग 50 हजार आवेदन ऑनलाइन दर्ज किए गए हैं। लेकिन काम का भी धीरे किया जा रहा है जिस पर लोग काफी ज्यादा सवाल उठा रहे हैं।
नहीं मिल रही लोगों को अच्छी सुविधा :
ऑनलाइन फॉर्म दर्ज करने के बाद भी लोगों को रजिस्टर नंबर पर नहीं मिल रही है जिसके चलते ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने के लिए गाड़ी का चेचिस नंबर Registration नंबर, आधार और मोबाइल नंबर मांगा जा रहा है लेकिन ऑनलाइन शिकायत करते समय ओटीपी जेनरेट नहीं हो रही है। इसी के साथ ही उपभोक्ता को लगभग 500 शब्दों की सीमा वाले ईमेल को जनरेट करने में काफी परेशानी हो रही है।
मोबाइल नंबर अपडेट का भी विकल्प रह गया अधूरा :
रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट के साथ-साथ जो वाहन मालिक अपने पुराने आरसी बुक में अपना मोबाइल नंबर दर्ज नहीं कर पाए थे उनको भी अब काफी ज्यादा परेशानी हो रही है। आरटीओ के आधिकारिक वेबसाइट पर वीडियो भी अपलोड किया गया है लेकिन जो मुख्य समस्याओं के क्लिप है वह गायब है।
पुरानी आरसी बुक में पूरी जानकारी नहीं :
इसी के साथ ही वहां की पुरानी आरसी बुक में ना तो मोबाइल नंबर और ना ही वहां की जीवन अवधि की जानकारी दी गई है जिससे आवेदक की प्रक्रिया बार-बार खारिज कर दी जा रही है आरटीओ की आधिकारिक वेबसाइट पर आवेदन करते समय वह इस बात की सलाह देती है कि कृपया आरटीओ जाकर आवेदन करें।
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