अमेरिका के दिग्गज कारोबारी Elon Musk के स्वामित्व वाली Tesla Electric Cars भारत में एंट्री कर चुकी है लेकिन 100 प्रतिशत टैरिफ को लेकर वह असहज है। इसका असर Tesla खरीदने वाले ग्राहकों पर पड़ने वाला है और 100 प्रतिशत इंपोर्ट टैरिफ से उनकी मुश्किलें बढ़नी तय है। इसको लेकर टेस्ला के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर वैभव तनेजा का कहना है कि कंपनी यह विचार कर रही है कि कब उसे बहुत फायदेमंद मार्केट में एंट्री करनी है।
Tesla Electric Cars: एलन मस्क ने भी जताया था विरोध
भारत में Tesla Electric Cars की एंट्री को लेकर काफी लंबे समय से अटकलें लगाई जा रही थीं लेकिन अब उसकी एंट्री हो चुकी है लेकिन इसकी लॉन्चिंग को लेकर अभी तक कोई पुख्ता जानकारी सामने नहीं आई है। टेस्ला कंपनी के चीफ एलन मस्क भी कारों के इंपोर्ट पर अधिक टैरिफ लगाने को लेकर सवाल उठा चुके हैं।
चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर तनेजा इसको लेकर कहते हैं कि वह जो कारें भारत भेजेंगे, वह 100% अधिक महंगी हो जाएंगी। कहा कि अभी हम इस पर आंकलन कर रहे हैं कि भारत के मार्केट में कब एंट्री करनी है। हालांकि, उन्होंने बताया कि भारत का मार्केट काफी फायदेमंद है।
टेस्ला का बढ़ता जा रहा घाटा
पिछले कुछ सालों में Tesla Electric Cars की सेल में बंपर गिरावट दर्ज की गई है। दुनिया में तेजी से कंपनियां टेस्ला को टक्कर दे रही हैं, जिसकी वजह से मार्केट में कंपटीशन काफी बढ़ गया है। इसका असर टेस्ला कंपनी की Sales और Profit दोनों पर पड़ा है। साल 2025 की बात करें तो इसकी पहली तिमाही में ही कंपनी का नेट प्रॉफिट 71% घट गया है। इसी वजह से भारत जैसे बड़े बाजार पर टेस्ला की नजर है। कंपनी को उम्मीद है कि यहां पर टेस्ला की कारें खूब बिकेंगी और उसका प्रॉफिट भी बढ़ेगा।
BYD निकाल रही है टेस्ला का दम
चीनी कंपनी बीवाईडी Tesla Electric Cars का दम निकाल रही है और उसे सेल के मामले में मात दे चुकी है। इसकी वजह से भी टेस्ला की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। चीनी कंपनी बीवाईडी ने पिछले साल 107 अरब डॉलर का रेवेन्यू हासिल किया था, जबकि टेस्ला का रेवेन्यू केवल 98 अरब डॉलर ही रहा था। इस समय चीनी कंपनी बीवाईडी इलेक्ट्रिक कारों के मामले में सबसे आगे है।
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