अगर आप भी Spam Calls से परेशान है, तो यह खबर आपके लिए हो सकती है। दरअसल ट्राई ने स्पैम कॉल्स को लेकर टेलीकॉम कंपनियों को एक सख्त दिशा निर्देश दिए है। ट्राई ने साफ़ किया है कि अगर टेलीकॉम कंपनियां इन नियमों को लेकर सख्त रुख नहीं अपनाती है या फिर इन नियमों का उल्लंघन करती है तो उन टेलीकॉम कंपनियों पर 2 लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

कैसे होती है स्पैमर्स की पहचान?

आपको बताते चले कि भारत में दिन प्रतिदिन मोबाइल यूज़र्स कि संख्या बढ़ती जा रही है और अधिकतर यूज़र्स Spam Calls और मैसेजेस से परेशान हैं। ऐसे में यह खबर उन लोगों के लिए रामबाण का काम कर सकती है। अब ट्राई ने स्पैमर्स के खिलाफ नियमों को कुछ इस प्रकार से कड़ा कर दिया है कि पहले किसी स्पैमर्स के खिलाफ 7 दिन में 10 शिकायतें आती थीं, तब उसके खिलाफ कार्रवाई होती थी। लेकिन अब अगर किसी स्पैमर्स को लेकर 10 दिन में 5 शिकायतें आती है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई होती है।

बतानी होगी Spam Calls की संख्या

टेलीकॉम रेगुलेटर अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने टेलीकॉम कमर्शियल कम्युनिकेशन कस्टमर प्रेफरेंस रेगुलेशंस (TCCCPR), 2018 में कुछ बदलाव किये है, जिसके अनुसार सभी टेलीकॉम कंपनियों को स्पैम कॉल और SMS को हाई कॉल वॉल्यूम, शॉर्ट कॉल ड्यूरेशन और लो-इनकमिंग टू आउटगोइंग कॉल रेशियो के आधार पर एनालिसिस करने को कहा है, जिससे स्पैमर्स कि पहचान हो सकें। साथ ही टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिया है कि किसी भी मोबाइल नंबर पर आने वाली सभी Spam Calls की पूरी संख्या भी बतानी होगी। फिर भी अगर कोई कंपनी ऐसा नहीं करती है तो उस कंपनी पर जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान होगा।

Spam Calls

कितना लगेगा जुर्माना?

ट्राई ने टेलीकॉम कंपनियों को आदेश न मानने पर जुर्माना लगाने का भी प्रावधान रखा है। इसके अनुसार:-

  1. अगर टेलीकॉम कंपनियां इस नियमों का पहली बार उल्लंघन करती है तो उन पर 2 लाख रुपये का और दूसरी बार नियमों का उल्लंघन करने पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। लेकिन इसके बाद भी अगर कंपनियां बार-बार नियमों का उल्लंघन करती है तो हर बार उल्लंघन करने पर 10 लाख रुपये का जुर्माना चुकाना होगा।
  2. साथ ही आपको बता दें कि यह जुर्माना रजिस्टर्ड और अनरजिस्टर्ड सेंडर्स पर अलग-अलग तरीके से लगाया जा सकता है।
  3. ट्राई ने यह भी आदेश दिया है कि जो भी विज्ञापन या प्रमोशनल मैसेज यूज़र्स को भेजे जा रहे हैं, वे यूज़र्स की सहमति और प्राथमिकता के आधार पर होने चाहिए।

प्रमोशनल कॉल्स के लिए यूज होंगे 10 डिजिट वाले नंबर

साथ ही सरकार ने 10 अंकों वाले नंबरों से कमर्शियल कम्युनिकेशन पर पूर्णतः रोक लगा दी है। ट्राई ने यह रोक पारदर्शिता बढ़ाने के लिए लगाई है। अब प्रमोशनल कॉल के लिए '140' वाली सीरीज को जारी किया जायेगा। साथ ही ट्रांजेक्शनल और सर्विस कॉल्स के लिए '1600' सीरीज का प्रयोग किया जायेगा। साथ ही यूज़र्स की सुविधा के लिए ट्राई ने Spam Calls की शिकायत दर्ज कराना भी आसान कर दिया है। अब यूज़र्स को कम्युनिकेशन प्रीफेरेंस के लिए रजिस्टर नहीं करना होगा।

लागू हुए नए Standard Header Code

ट्राई ने मैसेज भेजने के तरीके में और भी अधिक पारदर्शिता बढ़ाने के लिए नए स्टैंडर्ड हेडर कोड लागू किए हैं। इन कोड के अनुसार टेलीकॉम कंपनियों को अब

  • प्रमोशनल मैसेज में “-P”
  • सर्विस से जुड़े मैसेज में “-S”
  • ट्रांजैक्शनल मैसेज में “-T”
  • सरकारी संदेशों के लिए “-G” का इस्तेमाल करना पड़ेगा।

निष्कर्ष

ट्राई के इस कदम की हमें सराहना करनी चाहिए। इस फैसले से आम लोग आसानी से Spam Calls और मैसेज के खिलाफ शिकायत कर पाएंगे, साथ ही टेलीकॉम कंपनियों को इन शिकायत पर त्वरित एक्शन भी लेना होगा। सरकार का यह फैसला टेलीकॉम सिस्टम को एक सुरक्षित और भरोसेमंद दिशा की ओर ले जाता है। अगर आप भी किसी भी तरह की Spam Calls या मैसेज से परेशान है तो इसकी शिकायत तुरंत अपनी टेलीकॉम कंपनी के अधिकारी से बात करके या फिर ट्राई के जरिये दर्ज कराएं और इस प्रकार के आर्टिकल्स को पढ़ने के लिए PriceKeeda Hindi को फॉलो करना न भूलें।

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