China भारत की उन्नति से चिढ़ता रहता है और अक्सर वह ऐसा काम करता रहता है, जिससे भारत पीछे खिसक जाए। भारत में तेजी से बढ़ रहे Electric Cars के बाजार से चीन काफी चिढ़ रहा है और अब उसने इस रफ्तार पर ब्रेक लगाने के लिए Rare Earth Element की सप्लाई ही रोक दी है।
इससे भारत के इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग पर संकट के बादल मंडराने लगे थे लेकिन अब देश की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक कार कंपनी Tata Motors ने चीन को करारा जवाब देने की तैयारी कर ली है। कंपनी अब भारत सरकार से बातचीत कर रही है और इसका वैकल्पिक स्रोत अपनाने पर बातचीत कर रही है।
उत्पादन बंद होने का मंडरा रहा संकट
चीन द्वारा Rare Earth Element के निर्यात पर अचानक प्रतिबंध लगाए जाने से भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के उत्पादन पर संकट के बादल मंडराने लगे थे। Auto Industry में भारी चिंता है और कंपनियों का कहना है कि अगर इसकी सप्लाई ज्यादा समय तक प्रभावित रहती है तो उत्पादन पूरी तरह ठप पड़ सकता है। वजह यह है कि इसका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के तमाम जरूरी पार्ट्स को तैयार करने में किया जाता है।
जानिए कितना जरूरी है ये Rare Earth Element
Rare Earth Element का चीन दुनिया में सबसे बड़ा निर्यातक है, जिसकी हिस्सेदारी 90% के आस-पास है। इसका इस्तेमाल आतंरिक दहन इंजन से चलने वाले वाहनों में सबसे ज्यादा किया जाता है। अचानक निर्यात बाधित होने से कंपनियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उत्पादन पर असर पड़ने के साथ ही सप्लाई चेन भी बाधित होने का खतरा पैदा हो गई है।
टाटा ने कहा, चिंता की बात नहीं
Rare Earth Element की सप्लाई बाधित होने को लेकर टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखर ने कहा कि यह एलिमेंट अब चिंता का विषय नही है। हालांकि, कंपनी भविष्य को लेकर इस पर सतर्कता से नजर रख रही है।
अभी जरूरत के अनुसार चुंबक की सप्लाई हो रही है लेकिन हम इसके वैकल्पिक स्रोतों को लेकर भारत सरकार से बातचीत कर रहे हैं। अगर Tata Motors का यह प्रयास सफल होता है तो भारतीय ऑटो इंडस्ट्री की चीन पर निर्भरता काफी कम हो जाएगी। इससे चीन की चाल का भारत पर असर भी नहीं पड़ेगा।
यह भी पढ़ेंः- Samsung Unpacked 2025 : Galaxy Z Fold 7, Z Flip 7 और Watch 8 सीरीज की लॉन्चिंग की तैयारियां तेज, फीचर्स लीक