प्रीमियम स्मार्टफोन्स की मैन्युफैक्चरिंग करने के लिए पूरी दुनिया में मशहूर Apple का सबसे ज्यादा फोकस इस समय भारत पर है। पहले से ही भारत में कंपनी Apple iPhone का रिकॉर्ड संख्या में उत्पादन कर रही है लेकिन अब Tata Group के एक और फैक्ट्री में इसका उत्पादन शुरू हो गया है। इससे अब एप्पल कंपनी की मैन्युफैक्चरिंग कैपिसिटी में और भी अधिक उछाल आने की संभावना है। इससे चीन का सिरदर्द बढ़ने वाला है।

इस फैक्ट्री में भी शुरू हुई Apple iPhone की मैन्युफैक्चरिंग

Tata Group की टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की तमिलनाडु स्थित होसुर की नई फैक्ट्री में अब Apple iPhone की मैन्युफैक्चरिंग शुरू हो गई है। कंपनी को उम्मीद है कि अब इस प्लांट में मैन्युफैक्चरिंग शुरू होने से हर साल आईफोन के निर्माण करने की क्षमता में बड़ा उछाल आएगा। अभी एप्पल कंपनी सबसे ज्यादा स्मार्टफोन्स का निर्माण पड़ोसी देश चीन में करती है लेकिन Tariff War के चलते अब वह भारत में अधिक से अधिक प्रोडक्शन करने पर फोकस कर रही है।

बनाए जाएंगे पुराने आईफोन मॉडल्स

टाटा ग्रुप की तमिलनाडु स्थित होसुर की नई फैक्ट्री में कंपनी द्वारा एक असेंबली लाइन पर Apple iPhone के पुराने मॉडल्स को तैयार करेगी। रिपोर्ट्स की मानें तो टाटा के बाद अब एप्पल की सबसे बड़ी कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर फॉक्सकॉन भी कर्नाटक के बेंगलुरू के पास बनाई जा रही नई फैक्ट्री में उत्पादन शुरू कर देगी।

कहा जा रहा है कि फॉक्सकॉन की इस नई फैक्ट्री में हर घंटे 300-500 यूनिट्स बनाई जाएंगी। कहा जा रहा है कि इसमें आईफोन 16 और आईफोन 16ई को असेंबल किया जाएगा। एक अनुमान की मानें तो इस फैक्ट्री के शुरू होने से 50,000 नई Jobs के पैदा होने की संभावना है।

चीन में बनते हैं 75% आईफोन

भारत में भले ही एप्पल कंपनी रिकॉर्ड संख्या में Apple iPhone की मैन्युफैक्चरिंग कर रही है लेकिन अभी भी आईफोन्स की कुल मैन्युफैक्चरिंग में चीन का योगदान 75 प्रतिशत है। हालांकि, एप्पल कंपनी टाटा ग्रुप और फॉक्सकॉन के जरिए भारत में तेजी से अपनी प्रोडक्शन क्षमता को बढ़ाने में जुटी हुई है। पिछले वित्त वर्ष में फॉक्सकॉन का रेवेन्यू करीब दोगुना बढ़ गया था और यह लगभग 1.7 लाख करोड़ रूपए तक पहुंच गया है और इस कंपनी के कर्मचारियों की संख्या में भी 65% की बढ़ोत्तरी हुई है।

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