Sucess Stroy : पुणे की रहने वाली तृप्ति भूषण धकाते, जिनकी शिक्षा और अनुभव ने उन्हें खेती के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया, आज मशरूम की खेती से खुद की पहचान बना चुकी हैं। वनस्पति विज्ञान (बॉटनी) में गोल्ड मेडल हासिल करने वाली तृप्ति ने अपनी मेहनत और धैर्य से मशरूम के Business को एक नई दिशा दी है। एक समय था जब उन्हें अपने मशरूम बेचने के लिए पुणे की मंडियों में जाकर लोगों से बार-बार विनती करनी पड़ती थी, लेकिन आज उनका ब्रांड "क्वालिटी मशरूम" रोजाना 50 किलो मशरूम का उत्पादन करता है, और उनकी मासिक आय 4 लाख रुपये तक पहुँच चुकी है। आइए, जानते हैं तृप्ति भूषण धकाते की संघर्षपूर्ण यात्रा और सफलता की कहानी, जो उनके लिए न केवल एक Buisness, बल्कि एक जुनून बन चुकी है।
कठिनाइयों के बावजूद नहीं मानी हार
तृप्ति की यात्रा 2018 में शुरू हुई, जब उन्होंने ऑयस्टर मशरूम की खेती का मन बनाया। शुरुआत में उन्होंने 20 किलो मशरूम उगाए, लेकिन बिक्री एक बड़ी चुनौती बन गई। पुणे के बाजारों में मशरूम के प्रति जागरूकता की कमी थी और लोग इसे खरीदने में हिचकिचाते थे। बावजूद इसके, तृप्ति ने हार नहीं मानी। उन्होंने बानेर और कोथरुड की सब्ज़ी मंडियों में जाकर लोगों से मशरूम के स्वाद का टेस्ट करवाना शुरू किया। धीरे-धीरे, उनके मशरूम का स्वाद लोगों को भाने लगा और उन्होंने इसके 200 ग्राम के पैकेट 80 रुपये में खरीदने शुरू कर दिए।
इसके साथ ही, तृप्ति ने सोशल मीडिया का सहारा लिया और अपनी मार्केटिंग को और बढ़ावा दिया। इससे उन्हें होम डिलीवरी के ऑर्डर मिलने लगे और "क्वालिटी मशरूम" का कारोबार तेजी से बढ़ने लगा।
3.5 लाख रुपये का निवेश रूपये का निवेश कर शुरू किया Buisness
तृप्ति भूषण धकाते ने नागपुर यूनिवर्सिटी से बॉटनी में गोल्ड मेडल हासिल किया है। इसके बाद, उन्होंने बायोटेक्नोलॉजी और बॉटनी में एमएससी भी की। अपनी शिक्षा के साथ-साथ उन्होंने महाराष्ट्र के वर्धा स्थित जेबी कॉलेज ऑफ साइंस और डॉ. डीवाई पाटिल बायोटेक्नोलॉजी एंड बायोइनफॉरमेटिक्स इंस्टीट्यूट में प्रोफेसर के रूप में भी काम किया। शादी के बाद जब वह पुणे में बस गईं, तो उन्होंने "एग्रीजेन बायोटेक" के साथ काम किया, जहां उन्हें ऑयस्टर और मिल्की मशरूम की किस्मों पर अनुसंधान और खेती का प्रत्यक्ष अनुभव मिला।
इसके बाद, तृप्ति ने उद्यमी बनने का मन बनाया। 2018 में उन्होंने पुणे के धायरी इलाके में 2,000 वर्ग फीट जमीन लीज पर ली और वहाँ पर मशरूम की खेती शुरू की। उन्होंने लगभग 3.5 लाख रुपये का निवेश किया और खेती के लिए आवश्यक उपकरण खरीदें। मार्च 2020 में कोरोना महामारी ने सभी व्यवसायों को प्रभावित किया, लेकिन तृप्ति के लिए यह समय एक नई दिशा लेकर आया। लॉकडाउन के दौरान, उन्होंने अपने मशरूम से बने प्रोडक्ट्स जैसे कुकीज, खाखरा, पापड़ और बिस्कुट को थोक और खुदरा दुकानों में उपलब्ध करवाना शुरू किया। "क्वालिटी मशरूम" ब्रांड के तहत इन वैल्यू ऐडेड प्रोडक्ट्स ने व्यवसाय को और बढ़ावा दिया और उन्हें नए व्यापारिक अवसर मिले।
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