Success Story : बटाला, पंजाब के 65 वर्षीय जगमोहन सिंह नागी ने खेती से जुड़े बिजनेस में जबरदस्त कामयाबी हासिल की है। ‘कुलवंत न्यूट्रिशन’ नाम से अपनी कंपनी की शुरुआत कर, आज वे सालाना 7 करोड़ रुपये का कारोबार कर रहे हैं।

उनकी यह यात्रा 1989 में एक छोटे से प्लांट से शुरू हुई थी। आइए जानते हैं, कैसे एक साधारण किसान परिवार से निकलकर उन्होंने यह मुकाम हासिल किया।

Success Story: पिता से प्रेरणा मिली और फिर इंग्लैंड में पढ़ाई की

जगमोहन का परिवार विभाजन से पहले कराची में रहता था, लेकिन विभाजन के बाद उनके पिता मुंबई आ गए और फिर पंजाब में बस गए। उनके पिता आटा चक्की की मरम्मत का काम करते थे, जो उस समय बहुत आवश्यक सेवा थी।

पिता की इसी मेहनत और समर्पण ने जगमोहन को खेती और फूड बिजनेस की ओर प्रेरित किया। अपनी पढ़ाई के लिए उन्होंने इंग्लैंड का रुख किया और बर्मिंघम यूनिवर्सिटी से फूड सीरियल मिलिंग एंड इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया। भारत लौटने के बाद उन्होंने खुद का एग्री-बिजनेस शुरू करने का निर्णय लिया।

'कुलवंत न्यूट्रिशन' की Success Story

1989 में, जगमोहन ने ‘कुलवंत न्यूट्रिशन’ की नींव रखी। शुरुआत में उन्होंने कॉर्न मिलिंग के क्षेत्र में कदम रखा, जहां उनका पहला ग्राहक केलॉग्स ग्रुप था। लेकिन शुरुआत आसान नहीं थी।

उस समय पंजाब में मक्के की खेती बहुत कम होती थी, जिसके चलते उन्हें हिमाचल प्रदेश से मक्का मंगवाना पड़ता, जिससे ट्रांसपोर्टेशन लागत बहुत बढ़ जाती थी। इसके समाधान के लिए उन्होंने पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के साथ साझेदारी की, जो किसानों को उन्नत बीज उपलब्ध कराती थी।

1991 में उन्होंने कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की शुरुआत की और धीरे-धीरे अपनी ज़रूरत का मक्का खुद ही उगाने लगे।

Success Story: बड़े ब्रांड्स के साथ साझेदारी कर विस्तार किया

1992 में जगमोहन ने पेप्सी फूड के साथ हाथ मिलाया, और कुरकुरे के लिए मक्का सप्लाई करना शुरू किया। इसके बाद, 1994-95 में डोमिनोज पिज्जा से भी उनका जुड़ाव हुआ।

जगमोहन ने किसानों के लिए बाय बैक सुविधा शुरू की, जिससे उन्हें 2006 में प्रोग्रेसिव फार्मर का अवॉर्ड भी मिला।

2013 में उन्होंने कैनिंग और सब्जियों के बिजनेस में भी कदम रखा, जिससे उनका कारोबार और अधिक विस्तारित हुआ।

Success Story: 300 एकड़ में खेती और success हुआ अंतरराष्ट्रीय विस्तार

आज जगमोहन करीब 300 एकड़ में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग कर रहे हैं, जहां वे मक्का, सरसों, गेहूं, गाजर और टमाटर जैसी कई फसलें उगाते हैं। उनके उत्पादों की गुणवत्ता के कारण उन्हें पेप्सिको, केलॉग्स और डोमिनोज जैसी बड़ी कंपनियों के साथ काम करने का अवसर मिला।

उनका बिजनेस अब इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, दुबई और हांगकांग तक फैल चुका है। वे न केवल 70 से अधिक लोगों को रोजगार देते हैं, बल्कि किसानों और कृषि छात्रों को उन्नत तकनीकों का प्रशिक्षण भी मुफ्त में देते हैं।

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