भारत सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से उद्यानिकी फसलों की खेती को प्रोत्साहित कर रही है। इसके अंतर्गत, सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है ताकि वे अधिक लाभकारी फसलें उगा सकें। पारंपरिक फसलों की अपेक्षा, फलों की खेती में अधिक मुनाफा मिलने की संभावना होती है। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में कई किसान स्ट्रॉबेरी की खेती की ओर रुझान कर रहे हैं, जो सरकार की मदद से मुनाफा कमा रहे हैं।
Strawberry की से बदली शिवकुमार की किस्मत
बाराबंकी जिले के सहेलियां गांव के किसान शिवकुमार ने स्ट्रॉबेरी की खेती से अपनी किस्मत बदल ली। उन्होंने पहले पारंपरिक धान और गेहूं की खेती की, लेकिन इससे उन्हें ज्यादा लाभ नहीं हो रहा था। इसके बाद उन्होंने आधुनिक तरीकों से स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की। शुरूआत में उन्होंने एक बीघा जमीन पर स्ट्रॉबेरी उगाई, और अब वे तीन बीघे में इसकी खेती कर रहे हैं।
शिवकुमार बताते हैं कि स्ट्रॉबेरी की खेती में उनकी लागत लगभग एक लाख रुपये आई, जबकि उन्हें सालाना तीन से चार लाख रुपये तक का मुनाफा हो रहा है। इस तरह स्ट्रॉबेरी की खेती उनके लिए पारंपरिक फसलों की तुलना में काफी फायदेमंद साबित हुई।
शिवकुमार की तरह आप भी सरकार से पाए लाभ
सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के तहत शिवकुमार को 'एकीकृत बागवानी विकास मिशन' के अंतर्गत 1 लाख 12 हजार रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ। इस योजना के जरिए किसानों को उन्नत फसलें उगाने के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है, ताकि वे कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकें। स्ट्रॉबेरी की खेती के प्रति शिवकुमार का यह रुझान कई अन्य किसानों को भी प्रेरित कर रहा है।
जो किसान स्ट्रॉबेरी या अन्य फल-सब्जियों की खेती करना चाहते हैं, वे राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं। इसके लिए, किसानों को MPFSTS पोर्टल (mpfsts.mp.gov.in) पर पंजीकरण कराना होता है। साथ ही, उद्यानिकी विभाग के क्षेत्रीय अधिकारियों से भी मार्गदर्शन लिया जा सकता है। सरकारी योजनाएं और अनुदान किसानों को फसल उत्पादन बढ़ाने और उनकी आय में सुधार लाने में मददगार साबित हो रही हैं।