अगर आप भी म्यूचुअल फंड में SIP के नए विकल्प खोज रहें हैं तो आपको इसका उपहार बहुत जल्द मिल सकता है. कैपिटल मार्केट रेगुलेटरी सेबी प्रमुख माधवी पुरी बुच ने कहा है कि निवेशकों को 250 रुपये के छोटे SIP के साथ म्यूचुअल फंड में निवेश करने का विकल्प जल्द मिलेगा. हालांकि इसे लॉन्च करने के बारे में उन्होंने कोई तय समयसीमा नहीं बताई.

रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश ट्रस्ट्स का योगदान कम :

माधबी पुरी बुच ने कहा कि रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (REITs), इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (InvITs), और म्यूनिसिपल बॉन्ड्स के माध्यम से जुटाई गई धनराशि का कुल पूंजी जुटाने में योगदान बहुत कम है. FY25 के पहले नौ महीनों में इनसे केवल ₹10,000 करोड़ जुटाए गए हैं.

हालांकि, उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले दशक में इस क्षेत्र में वृद्धि होगी और यह इक्विटी और डेट बाजार से जुटाई गई धनराशि को भी पार कर सकता है.

पूंजी जारी करने की प्रक्रिया तेज करने पर जोर :

सेबी प्रमुख ने बताया कि नियामक संस्था पूंजी जारी करने की प्रक्रिया को तेज करने पर काम कर रही है. उन्होंने छोटे और मध्यम उद्यमों (SMEs) के बोर्ड प्रस्तावों को मंजूरी देने की समयसीमा को कम करने की प्रतिबद्धता जताई.

उन्होने कहा कि SME जारी करने में अभी तीन महीने का समय लगता है. जबकि बैंकों द्वारा 'इन-प्रिंसिपल' अनुमोदन केवल 15 मिनट में दिया जा रहा है. SEBI टेक्नोलॉजी टूल्स का उपयोग करके इस प्रक्रिया को और तेज करना चाहती है.

माधबी पुरी बुच ने कहा कि IPO पर काफी ध्यान दिया जाता है और सेबी को इसके लिए बड़ी संख्या में नए आवेदन मिल रहे हैं.
हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि अन्य विकल्प जैसे प्रिफरेंशियल इश्यू, इंस्टिट्यूशनल प्लेसमेंट, और राइट्स इश्यू, भी महत्वपूर्ण हैं, लेकिन अक्सर इन्हें नजरअंदाज कर दिया जाता है.

उन्होंने बताया कि सेबी ने राइट्स इश्यू को तेज़ी से पूरा करने के लिए एक प्रणाली विकसित की है और उद्योग से इसे अपनाने की उम्मीद की है.

250 रुपये का SIP होगा लॉन्च :

माधबी पुरी बुच ने कहा कि SEBI म्युचुअल फंड्स के नए प्रस्तावों को तेजी से मंजूरी दे रही है. उन्होंने घोषणा की कि जल्द ही ₹250 न्यूनतम राशि के साथ सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) लॉन्च किया जाएगा. उन्होंने कहा कि SBI बहुत जल्द 250 रुपये की SIP लेकर आने वाली है और स्टेट बैंक ने वादा किया है कि वो इसे प्रचारित करेंगे.

घरेलू संस्थागत निवेशकों का योगदान :

उन्होंने घरेलू संस्थागत निवेशकों द्वारा किए गए संसाधन जुटाने की सराहना की और कहा कि यह धनराशि अस्थिरता के समय, जब विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक बाजार से पैसा निकाल सकते हैं, में बहुत मददगार साबित हुई है.

तेजी से काम करने पर आलोचना और जवाब :

माधबी पुरी बुच ने कहा कि सेबी को कुछ क्षेत्रों से यह आलोचना मिलती है कि वह विभिन्न पहलुओं पर बहुत तेज़ी से काम कर रही है. हालांकि, उन्होंने कहा कि विकास के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए तेज़ी से काम करना आवश्यक है. यह प्रगतिशील कदम भारतीय पूंजी बाजार को नई ऊंचाइयों पर ले जाने और देश की आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान देने का प्रयास है.

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