भारत में Skoda-Volkswagen की कारों को ग्राहक काफी पसंद करते हैं। प्रीमियम इंटीरियर और सेफ्टी फीचर्स के चलते इनकी डिमांड भी खूब रहती है। खबर आ रही है कि Skoda-Volkswagen ने मेड इन इंडिया कार्स को वापस मंगा लिया है क्योंकि कुछ कारों के पिछले सीटबेल्ट में खराबी सामने आई है।
Skoda-Volkswagen कारों को मंगाया वापस
Skoda ने भारत में निर्मित की गई स्कोडा काइलाक, स्लाविया, कुशाक और फॉक्सवैगन ने वोक्सवैगन ताइगुन और वट्स जैसी कारों को वापस मंगा लिया है। रिकॉल को लेकर सोसाइटी ऑफ इंडिया ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स को कंपनी ने बताया है कि इन कारों के पिछली सीटबेल्ट में समस्या थी।
बता दें कि इन कांपनियों के रिकॉल से करीब 47,000 Units प्रभावित होने वाली हैं। फॉक्सवैगन टाइगुन और वर्टस की 21,513 यूनिट और स्कोडा काइलॉक, स्लाविया और कुशाक की 25,722 यूनिट्स शामिल हैं। कंपनियों ने इन कारों का निर्माण 24 मई 2024 से लेकर 01 अप्रैल 2025 के बीच किया था। महाराष्ट्र राज्य के चाकन में स्थित कंपनी के प्लांट में इन कारों का उत्पादन किया जाता है, जहां से कंपनी घरेलू आपूर्ति के साथ ही निर्यात बाजारों के लिए अपना जरूरी Productions करती है।
ग्राहकों से किया जा रहा संपर्क
सोसाइटी ऑफ इंडिया ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स को दी गई जानकारी के मुताबिक कंपनियों ने कहा कि सुरक्षा और गुणवत्ता के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए Skoda-Volkswagen India संभावित सीट बेल्ट की चिंता को दूर करने के लिए गाड़ियों को रिकॉल कर रहा है। बताया गया है कि 24 मई 2024 से 01 अप्रैल 2025 के बीच निर्मित किए गए कारों को रिकॉल करने के लिए ग्राहकों तक कंपनियों के ऑथराइज्ड सर्विस सेंटर पहुंच रहे हैं।
मिली है ये खराबी
कंपनी ने बताया है कि जिन कारों के Models को रिकॉल किया गया है, उसमें रियर सीटबेल्ट बकल लैच प्लेट में खराबी है और यह सामने से टक्कर की स्थिति में टूट सकती हैं। इसके साथ ही रियर सेंटर सीटबेल्ट असेंबली की वेबिंग, रियर राइट सीटबेल्ट के बकल के साथ ही यह फेल हो सकती है। अगर यह फेल होते हैं तो पीछे की सीटों पर बैठे लोगों के लिए खतरा पैदा हो सकता है। इसका खुलासा Quality Test के दौरान हुआ था।
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