वैश्विक स्तर पर लगातार मची उथल-पुथल के चलते Indian Share Market का बुरा हाल है। लगातार पांचवें महीने Share Market में गिरावट दर्ज की गई, जिसने 28 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। 1996 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है। शुक्रवार को शुरूआती कारेबार ही गिरावट के साथ हुआ और दोनों प्रमुख सूचकांक Sensex और Nifty लाल निशान में खुले।
Share Market: Banking और IT Sector में बड़ी गिरावट का असर
Share Market पर सबसे ज्यादा दबाव Banking और IT Sector के बड़े शेयरों में आ रही लगातार गिरावट के कारण बन रहा है। शुक्रवार दोपहर 12ः50 बजे BSE 1,400 अंक गिरकर 73,189 पर आ गया। इसी तरह Nifty भी 22,150 अंक से नीचे पहुंच गया। Indian Share Market में रिकॉर्ड गिरावट का असर रहा कि BSE लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 9.61 लाख करोड़ रूपए घटकर 389.49 लाख करोड़ पर आ गया।
Share Market में हर सेक्टर में दिखी गिरावट
Share Market के लगभग हर सेक्टर में गिरावट देखने को मिल रही है और सबसे अधिक प्रभावित ITसेक्टर हुआ है। Persistent Systems, Tech Mahindra और Mphasis के शेयरों में बड़ी गिरावट दर्ज हुई। इसके अलावा बैंकिंग, मेटल, फार्मा, ऑयल एंड गैस तथा कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर के इंडेक्स 1-2% तक नीचे कारोबार कर रहे हैं।
Donald Trump के टैरिफ और GDP आंकड़ों से पहले घबराहट
अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump ने 27 फरवरी को घोषणा की थी कि कनाडा और मैक्सिको पर 25 प्रतिशत आयात शुल्क (Tariff) 4 अप्रैल की बजाय 4 मार्च से ही लागू होगा। इसके अलावा उन्होंने चीनी सामानों पर 10 प्रतिशत और यूरोपीय संघ से शिपमेंट पर 25% Tariff को दोहराया। इस वजह से Market में अनिश्चितता बनी हुई है और शेयर मार्केट में गिरावट आ रही है।
भारत पर नेगेटिव असर
अमेरिकी डॉलर इंडेक्स के शुक्रवार को 107.35 पर पहुंचने पर भी चिंता बढ़ गई क्योंकि डॉलर की मजबूती भारत जैसे उभरते बाजारों पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। इसके अलावा दिसंबर तिमाही के GDP आंकड़ों पर भी निवेशक बारीक नजर रख रहे हैं। अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि Indian Economy इस तिमाही के दौरान वापस उछाल ले सकती है। हालांकि, अभी यह सिर्फ अनुमान ही है, बाकी आंकड़े पेश होने के बाद ही निवेशक आश्वस्त होंगे।
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