जम्मू-कश्मीर के Pahalgam में पर्यटकों की क्रूर तरीके से हत्या करने वाले पाकिस्तानी आतंकवादियों को लेकर हर दिन चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। कहा जा रहा है कि हमले वाले दिन घटनास्थल पर एक Huawei Satellite Phone भी एक्टिव था, जबकि चीनी कंपनी हुआवे के कई प्रोडक्ट भारत समेत अमेरिका और कई अन्य देशों में प्रतिबंधित हैं।

इसके बाद से ही इसको लेकर चर्चा चल रही है। ऐसे में हम आपको बताने वाले हैं कि Satellite Phone क्या होते हैं, इनका इस्तेमाल कौन कर सकता है और यह आम फोन से किस तरह अलग होते हैं।

जानिए कैसे होते हैं Satellite Phone

आम लोग जिस तरह से अपने स्मार्टफोन्स से बातचीत करने के आस-पास के मोबाइल टावर नेटवर्क का इस्तेमाल करते हैं, वहीं सैटेलाइट Phone की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह सैटेलाइट कम्युनिकेशन को सपोर्ट करता है।

बता दें कि जो भी डिवाइस सैटेलाइट कम्युनिकेशन को सपोर्ट करती है, वह दूसरी डिवाइस के साथ लैंडलाइन, सेल्युलर नेटवर्क और सैटेलाइट पर आसानी से कनेक्ट हो जाती है। ऐसे में जिन इलाकों में लैंडलाइन, मोबाइल टावर जैसी फैसिलिटीज नहीं हैं, वहां पर ऐसे फोन्स का इस्तेमाल किया जाता है।

आम फोन की तरह देते हैं दिखाई

आप सोच रहे होंगे कि Satellite Phone अलग तरह से दिखते होंगे लेकिन यह आम फोन की तरह ही होते हैं। हुआवे कंपनी के स्मार्टफोन्स में भी अब सैटेलाइट कन्युनिकेशन का सपोर्ट मिलने लगा है और यही फोन Pahalgam हमले वाली जगह पर एक्टिव था।

बता दें कि सैटेलाइट फोन आम फोन की तुलना में काफी महंगे होते हैं। अमेरिका के दिग्गज कारोबारी एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक और टी-मोबाइल की पार्टनरशिप के बाद टी-मोबाइल के यूजर्स को Satellite Communication की सुविधा देने की तैयारी की जा रही है। हालांकि, कई देशों में सुरक्षा कारणों से इसे बैन किया गया है।

भारत में आम लोगों के लिए है प्रतिबंधित

भारत में अभी तक सैटेलाइट इंटरनेट और कन्युनिकेशन सेवाओं की शुरूआत नहीं हुई है और यहां पर आम लोगों के लिए Satellite Phone का उपयोग प्रतिबंधित है। हालांकि, इसको शुरू करने को लेकर कंपनियां काफी तेजी से तैयारी कर रही हैं। स्टारलिंक, वनबेव, जियो, एयरटेल जैसी कंपनियां सैटेलाइट कम्युनिकेशन शुरू करने की दौड़ में शामिल हैं।

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