Saif Ali Khan को कानूनी तौर पर बड़ा झटका लगा है, क्योंकि भोपाल में अपनी पैतृक संपत्ति वापस पाने की उनकी लंबे समय से चली आ रही कोशिशें विफल हो गई हैं। इस संपत्ति की कीमत करीब 15,000 करोड़ रुपये है।

उनके परिवार का भारत सरकार के साथ 15,000 करोड़ रुपये की संपत्ति को लेकर लंबा कानूनी विवाद हाल ही में चर्चा में रहा है। यह संपत्ति भोपाल के आखिरी नवाब हमीदुल्लाह खान की थी, जिनकी दो बेटियां थीं आबिदा सुल्तान और साजिदा सुल्तान। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत अपनी विशाल संपत्ति को "शत्रु संपत्ति" घोषित करने के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को खारिज कर दिया है।

शत्रु संपत्ति का दावा किया गया

नवाब हमीदुल्लाह खान की मृत्यु के बाद, परंपरा के अनुसार, उनकी सबसे बड़ी बेटी आबिदा सुल्तान को संपत्ति का उत्तराधिकारी माना जाता था। हालांकि, 1950 में आबिदा सुल्तान के पाकिस्तान चले जाने के बाद स्थिति बदल गई। उनकी छोटी बहन साजिदा सुल्तान, जो Saif Ali Khan की दादी थीं, भारत में ही रहीं और कानूनी तौर पर इस विशाल संपत्ति की मालिक बन गईं। साजिदा सुल्तान ने भारत में रहकर इस विरासत को संभाला, लेकिन इस संपत्ति पर विवाद तब शुरू हुआ जब केंद्र सरकार ने इसे 'शत्रु संपत्ति' घोषित करने का दावा किया।

बदल जाएगा पूरा विरासत का ढांचा

नवाब हमीदुल्लाह खान के दूसरे वारिसों ने इस फैसले को चुनौती दी थी। उनका कहना था कि संपत्ति का बंटवारा मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरिया) एक्ट, 1937 के मुताबिक होना चाहिए, जो 1960 में नवाब की मौत के वक्त लागू था। उन्होंने 1999 में ट्रायल कोर्ट में याचिका दायर की थी। अब हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को फिर से सुनवाई शुरू करने और एक साल के भीतर पूरे मामले का निपटारा करने का आदेश दिया है। इससे भोपाल के राजघराने की विरासत का पूरा ढांचा बदल सकता है।

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Saif Ali Khan 15,000 करोड़ का झटका

इस फैसले के कारण Saif Ali Khan 15,000 करोड़ रुपये की इस ऐतिहासिक धरोहर को पाने से वंचित हो गए। यह मामला न केवल Saif Ali Khan के परिवार के लिए बल्कि भारतीय इतिहास और न्याय व्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है।

भोपाल के नवाब की इस संपत्ति पर विवाद इतिहास, परंपरा और आधुनिक कानून के बीच टकराव को दर्शाता है। अदालत के इस फैसले ने इस लंबे विवाद को खत्म कर दिया, लेकिन यह कहानी भोपाल रियासत और उसके गौरवशाली इतिहास को हमेशा याद रखेगी।

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