Enemy Property: बॉलीवुड स्टार सैफ अली खान और पटौदी परिवार अभी सैफ के ऊपर हुए हमले से उबर भी नहीं पाए है और इसी बीच एक और मुसीबत ने उनके परिवार के ऊपर मुसीबतों का डेरा डाल दिया है। यह मुसीबत कुछ और नहीं बल्कि उनके पूर्वजो की संपत्ति से जुड़ा हुआ है। असल में छोटे नवाब के परनाना नवाब हबीबुल्लाह की सम्पत्तियों को केंद्र सरकार अपने नियंत्रण में करने जा रही है।

सरकार क्यों कर रही है सम्पत्तियों का नियंत्रण

आपको बतातें चले की बॉलीवुड स्टार सैफ अली खान के पूर्वजों की सम्पत्तियों को सरकार ने शत्रु संपत्ति (Enemy Property) घोषित कर दी है और इन सम्पत्तियों को सरकार जल्द ही अपने नियंत्रण में कर सकती है। यह सभी सम्पत्तियाँ मध्य प्रदेश के भोपाल में है और इनकी अनुमानित कीमत लगभग १५,००० करोड़ रुपए बताई गयी है। इन सम्पत्तियों पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने स्थगन आदेश को हटा लिया है। यह आदेश हटने के बाद सरकार शत्रु संपत्ति अधिनियम, 1968 के तहत इन पर अपना नियंत्रण कर सकती है।

Enemy Property Saif Ali Khan

क्या होती है शत्रु सम्पत्तियाँ (Enemy Property)?

शत्रु संपत्ति (Enemy Property) का सम्बन्ध उस भूमि, भवन, कंपनियाँ और चल संपत्ति से है जो भारत-पाक विभाजन (1947), भारत-चीन युद्ध (1962) और भारत-पाक युद्ध (1965, 1971) के बाद पाकिस्तान या चीन चले गए लोगों द्वारा छोड़ी गई थी। भारत सरकार ने इन संपत्तियों को अपने अधीन कर लिया और उन्हें शत्रु संपत्ति अधिनियम, 1968 के तहत "शत्रु संपत्ति" के रूप में वर्गीकृत किया है।

भारत में Enemy Property पर किसका नियंत्रण है?

भारत में शत्रु संपत्तियों का प्रबंधन और नियंत्रण गृह मंत्रालय के अधीन भारतीय शत्रु संपत्ति अभिरक्षक (सीईपीआई - CEPI) द्वारा किया जाता है।

सीईपीआई (CEPI) की प्रमुख जिम्मेदारियां:

  • शत्रु संपत्तियों का प्रबंधन और रखरखाव करता है।
  • अनधिकृत कब्जे को रोकता है।
  • ऐसी संपत्तियों पर कानूनी विवादों को संभालता है।
  • शत्रु संपत्तियों के निपटान और बिक्री की योजना बनाता है।

शत्रु संपत्ति (Enemy Property) को कैसे खरीदा जाता है?

2023 में भारत सरकार ने शत्रु संपत्तियों को आम लोगों को बेचने की योजना की घोषणा की है। खरीदार इन्हें कैसे खरीद सकते हैं, यह नीचे बताया गया है:

  • सरकारी नीलामी - सरकार बोली प्रक्रिया के माध्यम से संपत्तियों की नीलामी करेगी।
  • पात्रता - भारतीय नागरिक, कंपनियाँ और सरकारी एजेंसियाँ बोली लगा सकती हैं।
  • प्रक्रिया - इच्छुक खरीदार गृह मंत्रालय द्वारा नीलामी नोटिस प्रकाशित होने पर आवेदन कर सकते हैं।
  • मूल्य निर्धारण - नीलामी से पहले संपत्ति का मूल्यांकन किया जाता है।
  • स्वामित्व हस्तांतरण - सभी औपचारिकताएँ पूरी करने के बाद सबसे अधिक बोली लगाने वाले को कानूनी स्वामित्व प्राप्त होता है।
Enemy Property: Saif Ali Khan

क्या पटौदी पैलेस भी है शत्रु संपत्ति?

बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान के पैतृक महल, "पटौदी पैलेस" को भी कभी शत्रु संपत्ति (Enemy Property) के रूप में माना गया था। सैफ के दादा, नवाब इफ्तिखार अली खान पटौदी, विभाजन के बाद पाकिस्तान से जुड़े थे। उनके बेटे, मंसूर अली खान पटौदी (सैफ के पिता), भारत में पैदा हुए थे, लेकिन कुछ कानूनी जटिलताओं के कारण महल को शत्रु संपत्ति के रूप में चुना गया था। हालांकि, बाद में सैफ अली खान ने सरकार से संपत्ति वापस खरीद ली, जिससे यह फिर से कानूनी रूप से उनका हो गया। वर्तमान स्थिति में पटौदी पैलेस अब पूरी तरह से सैफ अली खान के स्वामित्व में है।

भारत में शत्रु संपत्ति के बारे में रोचक तथ्य

  • भारत में कुल शत्रु संपत्तियाँ – 9,400 से अधिक संपत्तियाँ (जिनकी कीमत ₹1 लाख+ करोड़ है)।
  • प्रमुख स्थान – उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, महाराष्ट्र और तेलंगाना।
  • पाकिस्तानी स्वामित्व वाली संपत्तियाँ – लगभग 9,280 संपत्तियाँ।
  • चीनी स्वामित्व वाली संपत्तियाँ – लगभग 126 संपत्तियाँ।
  • सरकार की योजना – सार्वजनिक धन की वसूली के लिए इन संपत्तियों को बेचना।

भारत में शत्रु संपत्ति सरकार द्वारा नियंत्रित संपत्तियों की एक अनूठी श्रेणी है जो कभी पाकिस्तान या चीन में प्रवास करने वाले लोगों की थी। इन संपत्तियों को अब सरकार नीलामी के माध्यम से बेच रही है, जिससे भारतीय नागरिक उन्हें खरीद सकते हैं।

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