अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की Tariff संबंधी नीतियों से दुनिया में मची खलबली के बीच भारत ने रूस के साथ मिलकर अमेरिका को करारा झटका दिया है। अमेरिकी बैन से बेफिक्र भारत ने फिर से रूस के साथ Oil Import बढ़ा दिया है। भारत ने रूस से फिर से Oil Import करना तेज कर दिया है और जनवरी व फरवरी के मुकाबले मार्च में काफी तेजी आई है।
बैन के बाद और बढ़ गई Oil Import की रफ्तार
रूस-यूक्रेन के बीच हो रहे युद्ध के बीच अमेरिका के बाइडेन प्रशासन ने काफी पहले ही रूस से तेल का आयात करने वाले देशों पर Ban लगा दिया था और वह बैन डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद भी जारी है।
अमेरिका ने भारत पर भी रूसी Oil Import पर बैन लगा दिया था लेकिन भारत ने कभी भी इसकी परवाह नही की। जनवरी महीने में भी अमेरिका ने रूस पर कुछ बैन लगाए थे, जिसमें भारत और चीन को बेचा जाने वाला Crude Oil भी शामिल था। हालांकि, बैन के बावजूद रूस ने मार्च में तेल बेचने की रफ्तार काफी बढ़ाई है।
आसानी से मिल रहा है रूस का तेल
भारत ने रूस से तेल का आयात इसलिए बढ़ाया है क्योंकि यहां से तेल आसानी से मिल जा रहा है। भारत ने मार्च महीने में काफी मात्रा में रूस से तेल का आयात किया है। ज्यादातर तेल रूस से 60 डॉलर प्रति बैरल की कीमत पर मिल रहा है।
कीमत कम होने की वजह से भारत को तेल लाने के लिए बिना पाबंदी वाले जहाज भी आसानी से मिल जा रहे हैं। रूस के पास तेल ज्यादा होने के पीछे के कारणों को देखें तो रूस ने यूक्रेन के तेल कारखानों पर लगातार ड्रोन हमले किए हैं। इससे रूस में तेल की खपत काफी कम हो गई है और वह इसे दूसरे देशों को बेचकर अपनी जेब भर रहा है।
जानिए भारत ने कितना किया तेल का आयात
Oil Market पर नजर रखने वाली कंपनी केप्लर के आंकड़ों पर नजर डालें तो मार्च के पहले 21 दिनों में ही भारत ने रूस से प्रतिदिन औसतन 1.85 मिलियन बैरल Oil Import किया है। फरवरी की बात करें तो इस महीने में ये आंकड़ा 1.47 मिलियन bpd था।
इन आंकड़ों से साफ है कि भारत ने रूस से Oil Import बैन की परवाह किए बगैर बढ़ा दिया है। मार्च महीने में भारत ने जितना तेल का आयात किया है, उसमें रूस की हिस्सेदारी 35% है। अगर फरवरी में हिस्सेदारी की बात करें तो यह 31% और जनवरी में 33% ही थी।
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