भारत में हर साल लाखों की संख्या में Road Accidents की संख्या दर्ज की जाती है, ऐसे में केंद्र सरकार ने अब कारों के बाद Commercial Vehicles में सेफ्टी फीचर्स को बढ़ाने का फैसला किया है। सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया है और कुछ सेफ्टी फीचर्स को अनिवार्य कर दिया है। आइए जानते हैं कि सरकार द्वारा क्या Notification जारी किया गया और Commercial Vehicles में कौन-कौन से सेफ्टी फीचर्स बढ़ने वाले हैं।

Road Accidents को देखते हुए और ज्यादा सुरक्षित बनेंगे Commercial Vehicles

Road Accidents पर लगाम लगाने के लिए लगातार सरकार ऑटोमोबाइल कंपनियों को Safety Features बढ़ाने पर ज्यादा ध्यान देने के लिए कह रही है। अब सरकार ने निजी वाहनों के अलावा Commercial Vehicles को भी और अधिक सुरक्षित बनाने का फैसला किया है। सरकार की मंशा है कि Safety Features बढ़ने से हादसों की संख्या पर काफी हद तक लगाम लगेगी।

जानिए क्या जारी किया है सरकार ने Notification

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से जारी Notification के मुताबिक ऑटोमोबाइल कंपनियों को Commercial Vehicles में सेफ्टी से जुड़े सुधारों को लागू करना होगा और इसमें नए फीचर्स को ऐड-ऑन करना होगा। सरकार इस नोटिफिकेशन को 1 अप्रैल 2026 से लागू करने जा रही है। नोटिफिकेशन के मुताबिक Commercial Vehicles में रियर व्यू सिस्टम, ब्लाइंड स्पॉट सिस्टम, गार्ड रेल और रब स्ट्रिप को गाड़ी की डाइमेंशन में शामिल नहीं किया जाएगा।

कमर्शियल वाहनों के लिए अनिवार्य होगा EBS Test

केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन के मुताबिक, 1 अप्रैल 2026 से एंडयूरेंस ब्रेकिंग सिस्टम यानी EBS Test को Commercial Vehicles के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अलावा जोखिम भरा सामान और तरल पेट्रोलियम ले जाने वाले ट्रैक्टर-ट्रेलर संयोजन के अलावा N2 कैटेगरी के नए मॉडलों को और उसके बाद बनाए गए सभी मॉडलों में ABS System को अनिवार्य कर दिया गया है।

इसके अलावा M2, M3, N2 और N3 कैटेगरी के वाहनों में और 1 अक्टूबर 2026 से हर नए और मौजूदा मॉडल में इन फीचर्स को देना अनिवार्य कर दिया गया है। बड़े वाहनों में ऑटोमोबाइल कंपनियों को ड्राइवर ड्रोजिनेस और अटेंशन वॉर्निंग सिस्टम को भी ऐड-ऑन करने का निर्देश सरकार ने दिया है। लेन डिपार्चर सिस्टम भी Safety Features के तहत जोड़ा जाएगा।

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