Retail inflation: थोक मुद्रास्फीति के बाद खुदरा मुद्रास्फीति में भी भारी गिरावट आई है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति (Retail inflation) दर जून में 77 महीनों के निचले स्तर 2.10 प्रतिशत पर आ गई है। मई में यह 2.82 प्रतिशत और जून 2024 में 5.08 प्रतिशत थी।

कई खाद्य पदार्थों में नरमी

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने सोमवार को जारी आंकड़ों के आधार पर बताया कि सब्जियों, दालों, मांस और दूध सहित खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी के कारण, CPI पर आधारित Retail inflation दर जून में घटकर 2.10 प्रतिशत पर आ गई है, जो 77 महीनों का निचला स्तर है। मई में यह 2.82 प्रतिशत और अप्रैल में 3.16 प्रतिशत थी, जबकि जून 2024 में यह 5.08 प्रतिशत पर थी।

खुदरा मुद्रास्फीति में 72 आधार अंकों की गिरावट

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के अनुसार, मई की तुलना में जून में खुदरा में 72 आधार अंकों की गिरावट आई है। जनवरी 2019 के बाद से यह सालाना आधार पर सबसे कम मुद्रास्फीति दर है। इससे पहले, खुदरा मुद्रास्फीति की सबसे कम दर 1.97 प्रतिशत जनवरी 2019 में दर्ज की गई थी।

एनएसओ ने कहा कि जून महीने में खुदरा मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय गिरावट मुख्य रूप से अनुकूल आधार प्रभाव और सब्जियों, दालों और उत्पादों, मांस और मछली, अनाज और अन्य उत्पादों, चीनी और मिष्ठान्न, दूध और उत्पादों और मसालों की कीमतों में नरमी के कारण है।

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Retail inflation पर समीक्षा बैठक में लगाया जा रहा अनुमान

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 4 से 6 जून तक आयोजित आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक में चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को चार प्रतिशत से घटाकर 3.7 प्रतिशत कर दिया था। आरबीआई ने अप्रैल-जून तिमाही के लिए मुद्रास्फीति के अनुमान को 3.6 प्रतिशत से घटाकर 2.9 प्रतिशत कर दिया है।

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