7 Jun, 2025

BY: Komal

रिपोर्ट में खुलासा ऐसी हवा में सांस लेने से समय पहले हो सकता है बच्चे का जन्म

गर्भावस्था के दौरान वायु प्रदूषण में मौजूद सूक्ष्म कणों के संपर्क में आने से महिलाओं के शरीर में चयापचय प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। इससे शरीर के कुछ महत्वपूर्ण जैविक कार्यों में बदलाव आ सकता है और premature birth का जोखिम भी बढ़ सकता है।

अटलांटा, यूएसए में एमोरी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने कहा कि इन परिवर्तनों से समय से पहले जन्म और गर्भावस्था के अन्य नकारात्मक परिणामों का जोखिम बढ़ सकता है।

समय से पहले जन्म से बच्चे को सेरेब्रल पाल्सी, श्वसन संबंधी समस्याएं (श्वसन संकट सिंड्रोम) और दीर्घकालिक बीमारियों का खतरा हो सकता है। इसके अलावा, गर्भावस्था के 37 से 39 सप्ताह के बीच जन्म लेने से नवजात में बीमारी और विकास संबंधी समस्याओं का खतरा भी बढ़ सकता है।

लियांग ने कहा यह बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि अगर हम समझ सकते हैं कि ये प्रभाव 'क्यों' और 'कैसे' होते हैं, तो हम उनका बेहतर इलाज या रोकथाम कर सकते हैं।

अध्ययन ने 330 गर्भवती महिलाओं के रक्त के नमूनों का विश्लेषण किया और दो पदार्थ, कॉर्टेक्सोलोन और लाइसोपीई पाए, जो अल्पकालिक वायु प्रदूषण के संपर्क और समय से पहले जन्म के जोखिम के बीच संबंध की व्याख्या कर सकते हैं।

ये पदार्थ एक संभावित मार्ग का भी प्रतिनिधित्व करते हैं जिसके द्वारा वायु प्रदूषण समय से पहले जन्म को बढ़ावा देता है। अध्ययन में पाया गया कि वायु प्रदूषण भ्रूण के विकास और प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण प्रोटीन के पाचन और अवशोषण में बाधा डालता है।

यह मुद्दा वायु प्रदूषण और समय से पहले जन्म के बीच संभावित संबंध को उजागर करता है। अध्ययन नए संभावित रोकथाम तरीकों का भी सुझाव देता है। अध्ययन में शामिल 330 महिलाओं में से 66 (20 प्रतिशत) ने समय से पहले जन्म दिया, जो सामान्य अमेरिकी आबादी की तुलना में बहुत अधिक दर है। शोधकर्ताओं ने कहा कि वायु प्रदूषण के प्रभावों को बेहतर ढंग से समझना महत्वपूर्ण है।

Thanks For Reading!

Next: मोटापा सिर्फ शारीरिक ही नहीं मानसिक तौर पर भी करता है बीमार, रिसर्च में खुलासा

Read Next