देश में किस साल कितने नोट छापे जाएंगे इस बात का निर्णय हमेशा भारत सरकार करती है. देश में चलने वाले नए सिक्के और नोट छापने का अधिकार RBI के पास होती है. जिसकी प्रक्रिया दो चरणों में पूरी होती है. सबसे पहले RBI द्वारा केंद्र सरकार को नोट या सिक्के छापने के लिए प्रस्ताव भेजा जाता है.

इसके बाद केंद्र सरकार RBI के वरिष्ठ अधिकारियों और अर्थशास्त्रियों के साथ मिलकर निर्णय लेती है और सिक्के तथा नोट छापने का अधिकार RBI को दे दिया जाता हैं. इसी तरह का प्रोसेस नोट या सिक्के को बंद करने के लिए करना पड़ता है.

अब तक देश में कई बार यह देखने को मिला है, जब सिक्के और नोट बंद किए गए.साल 2016 में 500 और 1000 के नोट चलन से बाहर कर दिए गए थे. बीते साल 2000 के नोट भी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा बंद कर दिए गए. इसी तरह से 5 रुपए के सिक्के को लेकर भी बैंक ने बड़ा निर्णय लिया है.

क्या सच में 5 रुपये का सिक्का होगा बंद?

इसका मुख्य कारण यह है कि हाल के दिनों में दुकानदार और आम लोग इन सिक्कों को लेने से मना कर रहे हैं, जिससे बाजार में इनकी उपलब्धता में कमी आ गई है. अब RBI के स्पष्ट बयान के बाद, यह समझना जरूरी हो गया है कि क्या 5 रुपये के सिक्के सचमुच बंद किए जा रहे हैं या यह महज एक अफवाह है.

5 रुपये के सिक्कों को लेकर बढ़ी अफवाहें और सच्चाई

भारत में अभी 1 रुपये से लेकर 20 रुपये तक के सिक्के प्रचलन में हैं। हालांकि बाजार में 5 रुपये के सिक्कों का प्रचलन घटते जा रहा है, खासकर पुराने मोटे सिक्कों की बजाय पतले सुनहरे सिक्कों का उपयोग ज्यादा हो रहा है. ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या 5 रुपये के पुराने मोटे सिक्कों को प्रचलन से बाहर किया जाएगा? RBI ने स्पष्ट किया है कि 5 रुपये के सिक्कों के वजन और निर्माण की लागत पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, खासकर उन सिक्कों का वजन 9 ग्राम से अधिक होता है.

Q1: क्या 5 रुपये के सिक्के सचमुच बंद हो जाएंगे?
फिलहाल कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन यदि इन सिक्कों की निर्माण लागत उनके मुद्रात्मक मूल्य से अधिक होती है, तो उन्हें प्रचलन से बाहर किया जा सकता है.

Q2: 5 रुपये के सिक्कों का निर्माण क्यों बंद हो सकता है?
5 रुपये के पुराने सिक्कों का निर्माण उस धातु से होता था, जिसकी कीमत सिक्के के मूल्य से ज्यादा है. इससे सरकार को आर्थिक नुकसान हो सकता है.

Q3: क्या 5 रुपये के सिक्के की जगह नए सिक्के आएंगे?
यह अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन वर्तमान में पतले सुनहरे 5 रुपये के सिक्के प्रचलन में हैं, जिनका निर्माण लागत पुराने सिक्कों के मुकाबले कम है.

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