नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा (Reserve Bank of India Governor Sanjay Malhotra) ने शुक्रवार को Economy की वृद्धि की गति बढ़ाने के लिए Repo Rate में 50 आधार अंकों की बड़ी कटौती कर इसे 6 प्रतिशत से 5.5 प्रतिशत करने की घोषणा की। Repo Rate वह दर है जिस पर आरबीआई बैंकों को Loan देता है।
Repo Rate का होम लोन पर असर
अगर इसमें कमी होती है तो बैंकों के लिए केंद्रीय बैंक से Loan लेना सस्ता हो जाएगा और वे ग्राहकों को भी सस्ती दरों पर Loan दे सकेंगे। ऐसे में Repo Rate में 50 आधार या 0.50 प्रतिशत की कटौती का सीधा असर आपके होम Loan की EMI पर पड़ेगा। आइए इसे एक उदाहरण से समझते हैं। उदाहरण के लिए अगर आपने 20 साल के लिए 8.50 प्रतिशत की ब्याज दर पर 50 लाख रुपये का होम Loan लिया है तो पहले आपको हर महीने 43,391 रुपये की EMI देनी पड़ती थी।
तेजी से बढ़ेगा रियल एस्टेट का काम
लेकिन रेपो रेट में कटौती के बाद ब्याज दर 8 प्रतिशत हो जाएगी। इसके साथ ही अब आपको EMI के तौर पर 41,822 रुपये देने होंगे। ब्याज दरों में कमी के कारण आपको 20 साल की अवधि वाले 50 लाख रुपये के Loan पर हर महीने 1,569 रुपये कम EMI देनी होगी और आप सालाना करीब 18,828 रुपये बचा पाएंगे।
क्रेडाई के सचिव गौरव गुप्ता का कहना है कि आरबीआई की मौद्रिक नीति में रेपो रेट में 50 आधार अंकों की कटौती एक स्वागत योग्य कदम है। इससे घर खरीदने वालों के लिए ब्याज दरों में कमी लाने में मदद मिलेगी। उन्होंने आगे कहा कि ब्याज दरों में कमी से न केवल घर खरीदने वालों के लिए लागत कम करने में मदद मिलती है, बल्कि रियल एस्टेट की वहनीयता भी बढ़ती है।
सभी प्रकार के लोन की EMI पर असर
इसका देश के सभी क्षेत्रों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। Repo Rate में कमी से न केवल होम Loan बल्कि Personal Loan, Car Loan और अन्य प्रकार के Loan की EMI भी कम होती है। ब्याज दरों में कमी करके केंद्रीय बैंक Economy की विकास दर को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। केंद्रीय बैंक के अनुसार वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में GDP वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 6.7 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 6.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 6.3 प्रतिशत रह सकती है।
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