RBI Guidelines: भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा लोन लेने ग्राहकों को हितों में एक बहुत बड़ा फैसला लिया गया है, जो लोन लेने के बारे में सोच रहे हैं इसके बाद अब बैंक और वित्तीय संस्थान को लोन देते समय अधिक पारदर्शिता बरतनी होगी. इसके बाद लोन प्रक्रिया में अब लोगों को ज्यादा परेशानी नहीं होगी. आरबीआई (RBI Guidelines) के इस फैसले का मुख्य उद्देश्य है कि ग्राहक बेहतर निर्णय ले सके या फिर वह किसी बात से अनजान ना रहे और लोन प्रक्रिया में पारदर्शिता रहे.

RBI ने दिए ये आदेश

आरबीआई (RBI Guidelines) द्वारा पहली बार एनुअल परसेंटेज रेट की अवधारणा भी पेश की गई है, जिसके तहत यह ग्राहकों के लिए लोन की कुल वार्षिक लागत को दर्शाए. इसमें ब्याज दर, अन्य शुल्क साथ ही साथ थर्ड पार्टी सेवा प्रदाताओं के चार्ज शामिल होगी. एनुअल परसेंटेज रेट ग्राहकों के लिए काफी महत्वपूर्ण और फायदेमंद साबित होगा,

क्योंकि यह विभिन्न ऋण दाताओं के बीच तुलना करने में मदद करता है और इससे आपको लोन के वास्तविक लागत का पता चलता है और जो छिपी हुई लागत होती है, उसे समझने में आसानी होती है. यह नए नियम व्यक्तिगत लोन, छोटे व्यवसाय के लिए लोन, नए रिटेल लोन और मौजूदा ग्राहकों को दिए जाने वाले लोन पर लागू होंगे.

पहले भी RBI ने की है पहल

आरबीआई (RBI Guidelines) के लिए यह कोई नई बात नहीं है. काफी लंबे समय से आरबीआई द्वारा लोन प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने की कोशिश की जा रही है. इससे पहले 2022 में माइक्रो फाइनेंस संस्थाओं के लिए नियम संबंधित संशोधित किए गए और इसी साल डिजिटल लेंडर्स के लिए भी नियम बदले गए थे.

फिर 2023 के मौद्रिक नीति में मुख्य तथ्य विवरण की आवश्यकता पर जोर दिया गया. अब आरबीआई की ये जो नए नियम है 2023 से लागू हो चुके हैं. इसके बाद से ही यह नियम सभी बैंक और वित्तीय संस्थानों को पालन करने के लिए पूरी तरह से अनिवार्य कर दिया गया है.

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