RBI Cuts Interest Rates : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट यानी 0.5% की कटौती की है। इस कदम से खास तौर पर होम लोन लेने वालों को सीधी राहत मिलने की उम्मीद है। हालांकि EMI में इस राहत का असर कितना देखने को मिलेगा, यह पूरी तरह इस बात पर निर्भर करता है कि आपका होम लोन RLLR (रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट) आधारित है या MCLR (मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट) पर।
RBI Cuts Interest Rates : ब्याज दर में कटौती का फायदा किसे मिलेगा?
RBI द्वारा की गई कटौती का सबसे तेज और सीधा असर RLLR आधारित होम लोन पर पड़ता है। यह दर सीधे तौर पर RBI की रेपो रेट से जुड़ी होती है और आमतौर पर हर तीन महीने में अपडेट होती है। इस वजह से जब भी RBI रेपो रेट में बदलाव करता है, तो इसका असर जल्दी ग्राहकों तक पहुंचता है।
RBI Cuts Interest Rates : वहीं MCLR आधारित लोन में दरों को संशोधित करने की प्रक्रिया धीरे होती है क्योंकि इसमें बैंकों की आंतरिक लागत और लिक्विडिटी की स्थिति भी भूमिका निभाती है। इसलिए, अगर आपका लोन MCLR पर आधारित है तो EMI में बदलाव धीरे-धीरे होगा।
RBI Cuts Interest Rates : RLLR आधारित लोन क्यों है अधिक फायदेमंद?
अगर आपने ₹40 लाख का होम लोन 20 साल की अवधि के लिए लिया है और आपकी ब्याज दर 8.5% से घटकर 8% हो जाती है, तो आपकी EMI लगभग ₹34,700 से घटकर ₹33,450 हो जाएगी। यानी हर महीने करीब ₹1,250 की सीधी बचत।
RBI Cuts Interest Rates : इसका मतलब यह भी है कि पूरी लोन अवधि में आप ₹3 लाख तक की राशि की बचत कर सकते हैं।
RLLR आधारित लोन ज्यादा ट्रांसपेरेंट होते हैं और दरों में बदलाव का सीधा असर EMI पर जल्दी होता है। हालांकि, इसमें एक जोखिम यह भी है कि अगर RBI ब्याज दरें बढ़ा देता है, तो आपकी EMI भी उतनी ही जल्दी बढ़ेगी। साथ ही, हर तिमाही ब्याज दर में बदलाव के चलते लोन की अवधि या EMI बार-बार बदल सकती है।
RBI Cuts Interest Rates : क्या मौजूदा ग्राहक RLLR पर स्विच कर सकते हैं?
अगर आप MCLR या किसी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी से होम लोन ले चुके हैं, तो आप अब भी RLLR आधारित लोन में स्विच कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपने बैंक से अनुरोध करना होगा।
अमूमन इस प्रक्रिया में ₹1,000 से ₹2,000 तक का शुल्क लग सकता है।
यदि आपका लोन किसी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी से है (जैसे कि LIC Housing), तो आप इसे किसी बैंक में ट्रांसफर करवा कर RLLR में शामिल हो सकते हैं।
ध्यान देने योग्य बात यह है:
अगर आपके लोन की शेष अवधि 10 साल या उससे ज्यादा है, तो RLLR में स्विच करना फायदेमंद हो सकता है। लेकिन यदि आप पहले से ही लोन की अंतिम किश्तों के करीब हैं, तो MCLR पर ही बने रहना बेहतर रहेगा। RBI की यह दर कटौती उन लाखों होम लोन ग्राहकों के लिए एक अच्छी खबर है जो EMI में राहत की उम्मीद कर रहे थे।
लेकिन इसके फायदे का पूरा लाभ लेने के लिए जरूरी है कि ग्राहक अपने लोन के प्रकार और ब्याज दर के स्ट्रक्चर को ठीक से समझें।
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