हर किसी ने जीवन में एक न एक बार जरूर किसी को चाहा होता है, फर्क बस यह होता है कि किसी को वो व्यक्ति जीवन भर के लिए मिल जाता है और किसी के लिए वह कहानी हमेशा के लिए अधूरी रह जाती है. मशहूर उद्योगपति और टाटा ग्रुप के मानद चेयरमैन रतन टाटा (Ratan Tata) जो अभी इस दुनिया में नहीं है.

उनकी कहानी भी कुछ ऐसी ही थी जिनके पास दौलत- शोहरत और दुनिया की किसी भी चीज की कमी नहीं थी. बस कमी थी तो एक जीवनसाथी की और यह कमी जीवन भर पूरी नहीं हो पाई.

आज ये हर कोई जानता है कि रतन टाटा (Ratan Tata) ने शादी नहीं की नाहीं उनके कोई बच्चे थे पर इसके पीछे की वजह बहुत कम लोग जानते हैं जिस कारण रतन टाटा हमेशा के लिए कुंवारे रह
गए.

Ratan Tata को भी हुआ था प्यार

अपनी जिंदगी में रतन टाटा ने भी किसी से प्यार किया था और उनकी शादी भी होने वाली थी, लेकिन तभी उनकी दादी नवाज़ भाई टाटा ने उन्हें भारत वापस बुला लिया.

दरअसल उस वक्त रतन टाटा अमेरिका में पढ़ाई के बाद नौकरी कर रहे थे, उनके दादी द्वारा उन्हें बुलाने के पीछे वजह थी 1962 का भारत और चीन का युद्ध.

रतन टाटा को लगा कि अगर वह भारत आएंगे तो वह लड़की भी उनके साथ आएगी. इसके बाद दोनों आगे शादी कर लेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया.

युद्ध के कारण लड़की के मां-बाप ने अपनी बेटी को भारत भेजने से मना कर दिया और दोबारा अपनी दादी के कारण रतन टाटा अमेरिका नहीं जा पाए. इसी कारण यह कहानी हमेशा के लिए अधूरी रह गई.

फिर कभी नहीं की Ratan Tata ने शादी

रतन टाटा (Ratan Tata) ने खुद इसका खुलासा सिमी ग्रेवाल के इंटरव्यू में किया था. आमतौर पर देखा जाए तो रतन टाटा अपनी निजी जिंदगी के बारे में ज्यादा बात नहीं करते थे. वह चीजों को ज्यादा प्राइवेट रखते थे लेकिन उन्होंने अपनी ये प्रेम कहानी के बारे में जब सबको बताया तो हर कोई दंग रह गया.

उस वक्त रतन टाटा ने भी नहीं सोचा था कि वह वापस भारत आएंगे क्योंकि उनकी योजना थी कि वह अमेरिका में ही बस जाए लेकिन शायद उनकी प्रेम कहानी का अंत बड़ा ही दुखद होने वाला था और इस शादी के टूटने के बाद रतन टाटा ने पूरी जिंदगी शादी नहीं की और व्यवसाय और समाज सेवा के लिए अपने जीवन को समर्पित कर दिया.

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