भारतीय उद्योग जगत के एक महानतम उद्योगपति Ratan Tata, जिनका निधन 9 अक्टूबर को हुआ, ने अपने जीवन में सादगी और नैतिकता को हमेशा प्राथमिकता दी। 86 वर्ष की आयु में, उनका निधन न केवल उनके परिवार और मित्रों के लिए, बल्कि देश के लिए भी एक बड़ा क्षति है। रतन टाटा ने स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण विकास और सामाजिक कल्याण के लिए 9,000 करोड़ रुपये से अधिक का दान किया, जो उनकी उदारता और सामाजिक जिम्मेदारी का प्रतीक है। इसकी झलक तब भी देखने को मिली थी जब उन्होंने भ्रष्टाचार को रोकने के लिए उन्होंने बहुत अच्छी सलाह दी थी। इस सलाह का वीडियो अब वायरल हो रहा है।
Ratan Tata ने कहा - हर आदमी ईमानदार रहे
एक पुराने इंटरव्यू में, रतन टाटा ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने विचार साझा किए। 2010 में एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि एक उद्योगपति ने उन्हें सलाह दी कि वे एक मंत्री को 15 करोड़ रुपये दें ताकि उनकी एक बिजनेस डील फाइनल हो सके। उन्होंने उद्योगपति और मंत्री का नाम नहीं लिया, लेकिन यह घटना उनके सिद्धांतों को दर्शाती है। टाटा ने कहा, "उस उद्योगपति ने कहा कि आप मंत्री को पैसे क्यों नहीं देते? अगर आप एयरलाइन चाहते हैं, तो 15 करोड़ रुपये दे दें।"
उन्होंने इस सलाह को ठुकराते हुए कहा कि हमें खुद ईमानदार रहना चाहिए। रतन टाटा ने हमेशा नैतिकता को प्राथमिकता दी, और उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी आवाज उठाई। उनका मानना था कि सही तरीके से काम करना बहुत आवश्यक है, चाहे स्थिति कितनी भी कठिन क्यों न हो।
Ratan Tata की विरासत
रतन टाटा का योगदान न केवल उद्योग जगत में, बल्कि समाज में भी महत्वपूर्ण रहा है। उन्होंने टाटा समूह को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, जिससे यह समूह विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बना सका। उनके नेतृत्व में, टाटा समूह ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उत्कृष्टता हासिल की।
उनकी सादगी और ईमानदारी के लिए वे हमेशा याद किए जाएंगे। रतन टाटा ने अपने जीवन में सिद्धांतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। उन्होंने हमेशा यह कहा कि हमें समाज और देश की भलाई को प्राथमिकता देनी चाहिए। उनके निधन से जो रिक्तता पैदा हुई है, वह लंबे समय तक महसूस की जाएगी। उनके आदर्श और विचार आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे