आजकल दर्शकों की रुचि सच्ची घटनाओं पर आधारित कहानियों में काफी बढ़ी है, खासकर जब बात अपराध और राजनीति के गठजोड़ की हो। इस तरह की कहानियाँ हमें समाज के स्याह पहलुओं से रूबरू कराती हैं।
ज़ी5 पर उपलब्ध वेब सीरीज़ ‘रंगबाज़’ इसी श्रेणी में एक प्रभावशाली पेशकश है, जो न सिर्फ रोमांच से भरपूर है बल्कि सत्ता के गलियारों में छिपी हकीकत को भी उजागर करती है। यह सीरीज़ कई ऐसे कुख्यात बाहुबलियों के जीवन से प्रेरित है, जिन्होंने अपराध और राजनीति की दुनिया में अपनी गहरी छाप छोड़ी।
एक बाहुबली की अनसुनी दास्तान
‘रंगबाज़’ सिर्फ एक कहानी नहीं है, बल्कि यह इंसान की महत्वाकांक्षा, धोखे और सत्ता की भूख का आइना है। इसके अलग-अलग सीज़न भारतीय राज्यों के उन कुख्यात गैंगस्टर की कहानियों को सामने लाते हैं, जिन्होंने अपराध की दुनिया से निकलकर राजनीति में कदम रखा और एक नया साम्राज्य खड़ा कर दिया। सीरीज़ का सबसे ज़्यादा चर्चित हिस्सा तीसरा सीज़न है, जो बिहार के एक ताकतवर बाहुबली हारून शाहब के जीवन पर आधारित है।
यह हमें दिखाता है कि कैसे एक युवा अपराध की दुनिया में उतरता है, अपनी ताकत से लोगों के बीच अपना दबदबा बनाता है और फिर अचानक खुद को राजनीति के जटिल जाल में फँसा हुआ पाता है। लेकिन इस सफर में उसके अपने ही लोग उससे दूर होने लगते हैं और उसके पतन का सिलसिला शुरू हो जाता है।
यह सीरीज़ सिर्फ मार-धाड़ तक सीमित नहीं है। इसमें सत्ता के लिए होने वाली साजिशें, विश्वासघात और इंसान के बदलते रिश्तों को भी बखूबी दर्शाया गया है। यह हमें सोचने पर मजबूर करती है कि कैसे एक बाहुबली के उदय और पतन में समाज और राजनीतिक व्यवस्था का भी बड़ा हाथ होता है।
अभिनय और दमदार पटकथा का कमाल
किसी भी सीरीज़ की सफलता में उसकी कहानी के साथ-साथ कलाकारों का अभिनय भी बहुत मायने रखता है। ‘रंगबाज़’ ने इस पैमाने पर बेहतरीन प्रदर्शन किया है। खासकर, तीसरे सीज़न में अभिनेता विनीत कुमार सिंह ने हारून शाहब का किरदार इतनी सहजता और गहराई से निभाया है कि दर्शक उनके किरदार से जुड़ जाते हैं। उनका अभिनय इतना प्रभावशाली है कि दर्शक उनके दर्द, गुस्सा और महत्वाकांक्षा को महसूस कर पाते हैं।
इसके अलावा, गीतांजलि कुलकर्णी, सुधन्वा देशपांडे और प्रशांत नारायणन जैसे प्रतिभाशाली कलाकारों ने भी सहायक भूमिकाओं में अपनी छाप छोड़ी है। उनकी सशक्त उपस्थिति ने कहानी को और भी जीवंत बना दिया है। यही कारण है कि इस सीरीज़ को दर्शकों के साथ-साथ समीक्षकों ने भी काफी सराहा है। आईएमडीबी (IMDb) पर इसे 7.8 की शानदार रेटिंग मिली है, जो इसकी लोकप्रियता और गुणवत्ता का प्रमाण है।
क्यों देखें 'रंगबाज़'?
अगर आप ऐसी कहानियों के शौकीन हैं जो सिर्फ मनोरंजन नहीं करतीं, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक हकीकत भी दिखाती हैं, तो यह सीरीज़ आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है। ‘रंगबाज़’ का हर सीज़न एक नई कहानी कहता है और हर कहानी की अपनी एक अलग दुनिया है। इसका पहला सीज़न शिव प्रकाश शुक्ला और दूसरा आनंदपाल सिंह पर आधारित है, जबकि तीसरा सीज़न हारून शाहब की दास्तान सुनाता है।
सभी सीज़न में सशक्त पटकथा, शानदार निर्देशन और कलाकारों के यादगार अभिनय का संगम देखने को मिलता है। यह एक ऐसी सीरीज़ है जिसे देखते हुए आपको बोरियत महसूस नहीं होगी और आप कहानी के हर मोड़ से बंधे रहेंगे। ‘रंगबाज़’ के सभी सीज़न फिलहाल ज़ी5 पर उपलब्ध हैं।
'रंगबाज़' वेब सीरीज़ भारतीय ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अपराध और राजनीति के विषयों पर बनी सबसे बेहतरीन पेशकशों में से एक है। यह सीरीज़ सिर्फ मारधाड़ और हिंसा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बाहुबलियों की कहानी के बहाने सत्ता, लालच और विश्वासघात जैसे मानवीय पहलुओं को भी गहराई से छूती है।
विनीत कुमार सिंह जैसे मंझे हुए कलाकारों का दमदार अभिनय और कहानी कहने का यथार्थवादी तरीका इसे एक साधारण क्राइम थ्रिलर से कहीं ऊपर उठाता है। यह सीरीज़ दर्शकों को यह सोचने पर मजबूर करती है कि कैसे व्यक्ति, समाज और व्यवस्था के बीच के जटिल संबंध एक शख्स के उदय और पतन का कारण बनते हैं। 'रंगबाज़' भारतीय दर्शकों के लिए एक ऐसी कहानी है जो उन्हें मनोरंजन के साथ-साथ गंभीर चिंतन का मौका भी देती है, और यही इसे खास बनाती है।
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