रजनीकांत की 'कुली' : भारतीय सिनेमा जगत में कुछ नाम ऐसे हैं, जो सिर्फ कलाकार नहीं, बल्कि एक पूरा अनुभव हैं। रजनीकांत, जिन्हें उनके प्रशंसक प्यार से 'थलाइवा' कहते हैं, इन्हीं में से एक हैं। उनकी हर नई फिल्म एक उत्सव की तरह होती है, और इस बार भी ऐसा ही हुआ।
14 अगस्त को सिनेमाघरों में उनकी नई एक्शन थ्रिलर 'कुली' ने दस्तक दी और आते ही बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड्स की झड़ी लगा दी। यह फिल्म न सिर्फ रजनीकांत के करियर की सबसे बड़ी ओपनिंग साबित हुई, बल्कि इसने कई पुराने रिकॉर्ड्स को भी ध्वस्त कर दिया। इस लेख में, हम 'कुली' की धमाकेदार सफलता, उसके पीछे की वजहों और भारतीय सिनेमा पर इसके प्रभाव को गहराई से जानेंगे।
रजनीकांत की 'कुली' : बॉक्स ऑफिस का महायुद्ध
जब दो बड़ी फिल्में एक ही दिन रिलीज होती हैं, तो बॉक्स ऑफिस पर एक तरह का महायुद्ध छिड़ जाता है। 'कुली' के साथ भी ऐसा ही हुआ, जब यह ऋतिक रोशन और जूनियर एनटीआर की बहुप्रतीक्षित फिल्म 'वॉर 2' के साथ रिलीज हुई। हालांकि, रजनीकांत के स्टारडम के आगे 'वॉर 2' कहीं ठहर नहीं पाई। शुरुआती रुझानों और बॉक्स ऑफिस के आंकड़ों ने साफ कर दिया कि 'कुली' ने दर्शकों को अपनी ओर खींचने में बाजी मार ली।
रजनीकांत की 'कुली' : पहले दो दिन-100 करोड़ के क्लब में धमाकेदार एंट्री
'कुली' ने रिलीज के पहले दिन ही 65 करोड़ रुपये का नेट कलेक्शन करके रजनीकांत के करियर की सबसे बड़ी ओपनिंग का रिकॉर्ड बनाया। इससे पहले यह रिकॉर्ड उनकी फिल्म '2.0' (2018) के नाम था, जिसने 60.25 करोड़ रुपये कमाए थे। लेकिन असली जादू दूसरे दिन हुआ। Sacnilk के शुरुआती डेटा के अनुसार, फिल्म ने दूसरे दिन 44.8 करोड़ रुपये की कमाई की, जिससे इसका कुल कलेक्शन महज दो दिनों में 109.8 करोड़ रुपये हो गया।
क्यों बनी रजनीकांत की 'कुली' : ब्लॉकबस्टर?
इस सफलता के पीछे कई कारण हैं, जो सिर्फ रजनीकांत के नाम से कहीं ज्यादा हैं:
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थलाइवा का 'विंटेज' अंदाज़: फिल्म में रजनीकांत अपने पुराने और मशहूर अंदाज में वापस आए हैं। उनका स्टाइल, सिगरेट फ्लिप करने का तरीका और डायलॉग डिलीवरी, सब कुछ 80 और 90 के दशक के थलाइवा की याद दिलाता है।
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मल्टी-स्टारर कास्ट: फिल्म में सिर्फ रजनीकांत ही नहीं, बल्कि नागार्जुन, सौबिन शाहिर, उपेंद्र, श्रुति हासन, सत्यराज और रचिता राम जैसे बेहतरीन कलाकार भी हैं। इसके अलावा, आमिर खान और पूजा हेगड़े का विशेष कैमियो इसे और भी खास बनाता है। नागार्जुन का नकारात्मक किरदार दर्शकों को बेहद पसंद आ रहा है।
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लोकेश कनगराज का निर्देशन: निर्देशक लोकेश कनगराज ने कहानी में कई ऐसे मोड़ और सरप्राइज डाले हैं, जो दर्शकों को अंत तक अपनी सीट से हिलने नहीं देते। उनका लेखन और निर्देशन 'कुली' की कहानी को दिलचस्प बनाता है।
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जबरदस्त संगीत: फिल्म का संगीत अनिरुद्ध रविचंदर ने तैयार किया है, और यह फिल्म की जान है। उनके बैकग्राउंड स्कोर ने एक्शन दृश्यों को और भी रोमांचक बना दिया है।
रजनीकांत की 'कुली' : दर्शकों का बेजोड़ प्यार
फिल्म को दर्शकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। खास तौर पर, तमिल भाषी क्षेत्रों में पहले दिन 86.99% और दूसरे दिन 78.83% की ऑक्युपेंसी देखी गई, जो अपने आप में एक बड़ा रिकॉर्ड है। बेंगलुरु में 96.33% और त्रिची में 93% की ऑक्युपेंसी ने साबित कर दिया कि दक्षिण भारत में रजनीकांत का जादू बरकरार है। हालांकि हिंदी पट्टी में ऑक्यूपेंसी 53.07% रही, फिर भी 'कुली' ने हिंदी में भी अच्छा प्रदर्शन किया है।
रजनीकांत की 'कुली' : अंतर्राष्ट्रीय रिकॉर्ड्स और मील के पत्थर
'कुली' की सफलता सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रही। फिल्म समीक्षकों के अनुसार, पहले दिन इसका विश्वव्यापी ग्रॉस कलेक्शन 150 करोड़ रुपये से अधिक रहा, जो किसी भी तमिल फिल्म के लिए अब तक की सबसे बड़ी ओपनिंग है। इसके साथ ही, यह पहले दिन 151 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई करने वाली सातवीं भारतीय फिल्म बन गई है।
रजनीकांत की 'कुली' सिर्फ एक फिल्म नहीं है, बल्कि यह साबित करती है कि रजनीकांत का स्टारडम आज भी पहले की तरह मजबूत है। यह फिल्म एक पावरहाउस है, जिसमें दमदार कहानी, बेहतरीन अभिनय, और अविस्मरणीय एक्शन का शानदार मिश्रण है।
रजनीकांत की 'कुली' ने दो दिनों में 100 करोड़ का आंकड़ा पार करना यह दर्शाता है कि दर्शकों को सिनेमाघरों में एक ऐसी फिल्म देखने की जरूरत है जो उन्हें पूरा मनोरंजन दे। 'कुली' ने यह काम बखूबी किया है और भविष्य में भी बॉक्स ऑफिस पर अपना दबदबा बनाए रखने की पूरी उम्मीद है।
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