फिरोजाबाद के हुमांयूपुर निवासी मुन्नालाल ने बीते बीस सालों तक गली-गली घूमकर नमकीन और पापड़ बेचे। इसी छोटे से कारोबार से उनके परिवार का खर्च चलता था। लेकिन उनकी मेहनत और किस्मत ने एक नया मोड़ लिया जब एक दिन उन्होंने शहर में Leaser Printing का काम होते देखा। इस काम ने मुन्नालाल का ध्यान खींचा और उन्होंने तुरंत अपने बेटे से इस नए क्षेत्र के बारे में बात की और इसके साथ उनके जीवन में बदलाव का दौर शुरू हुआ।
लेजर Printing Business से मिली नई पहचान
मुन्नालाल के नए लेजर प्रिंटिंग व्यवसाय को संभालने का काम उनके बड़े बेटे ने किया। उनका बेटा न केवल काम की देखरेख करता है, बल्कि बाजार से ऑर्डर लाने और उनके वितरण की जिम्मेदारी भी संभालता है। मात्र एक साल के भीतर उन्हें कई बड़े ऑर्डर मिल चुके हैं, जो लाखों रुपए के हैं। इस काम से अब उनकी अच्छी आमदनी हो रही है, और उनका व्यवसाय तेजी से बढ़ रहा है।
मुन्नालाल की फर्म में लकड़ी पर मशीन से लेजर डिजाइनों को उकेरा जाता है। इनमें देवी-देवताओं की मूर्तियों, मंदिरों के सजावटी सामानों, और लाइटिंग वाले लेजर आइटम्स की कटिंग की जाती है। इन आइटमों को तैयार कर बाजार में बेचा जाता है, जो बेहद लोकप्रिय हो रहे हैं।
लाखों के ऑर्डर, बीस से दो लाख तक के आइटम
मुन्नालाल के लेजर आइटम्स की कीमत 20 रुपए से लेकर 2 लाख रुपए तक होती है, जो उनकी डिज़ाइन और काम की जटिलता पर निर्भर करती है। उनके उत्पादों की मांग सिर्फ फिरोजाबाद में ही नहीं, बल्कि शिकोहाबाद, आगरा और एटा जैसे शहरों से भी आने लगी है।
मुन्नालाल के लिए यह नया काम एक बड़ी सफलता साबित हो रहा है। अपनी मेहनत और सूझबूझ से उन्होंने एक छोटा व्यवसाय शुरू करके उसे एक बड़े बिजनेस में तब्दील कर दिया है। उनके इस प्रेरणादायक सफर से यह साबित होता है कि सही अवसर और कड़ी मेहनत किसी भी जीवन को बदल सकती है।